स्कूल में बच्चे कम, हाजिरी अधिक तो सॉफ्टवेयर यूं खोलेगा पोल, शिक्षा विभाग ने कर ली तैयारी
शिक्षकों को पहले टैब पर उपस्थित और अनुपस्थित मार्क करना होगा। इसके बाद कक्षा में जितने बच्चे उपस्थित होंगे उनकी तस्वीर भी अपलोड करनी होगी। इसके बाद सॉफ्टवेयर बच्चों के चेहरे और मार्क किए गए उपस्थिति का मिलान करेगा।
अब स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहने के बावजूद भी बढ़ाकर दिखाने वाली होशियारी नहीं चलेगी। कक्षा में जितने बच्चे उपस्थित होंगे, उतने ही बच्चों की हाजिरी बनेगी और यह डिजिटल होगी। अगर कक्षा में कम बच्चे उपस्थित होते हैं और हाजिरी अधिक की बना दी जाएगी तो सॉफ्टवेयर इसकी पोल खोल देगा।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। राज्यभर के सरकारी स्कूलों के वर्ग शिक्षकों को टैबलेट दिया जाएगा, जिस पर शिक्षकों को बच्चों की डिजिटल हाजिरी बनानी होगी। हर बच्चे के नाम के आगे उन्हें उपस्थित मार्क करना होगा।
स्कूलों में इसे लागू करने के लिए परीक्षण किया जा चुका है। जनवरी, 2025 से शिक्षकों को टैबलेट पर बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू होगा। वहीं प्रशिक्षण पूरा होने के दो माह बाद मार्च तक राज्यभर के स्कूलों में इस सिस्टम के लागू होने की संभावना है। माना जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को लेकर इसे लागू होने से बदलाव होंगे। बच्चों की उपस्थिति बेहतर होगी। टैबलेट की खरीद का काम चल रहा है।
विद्यार्थियों की उपस्थिति को ऐसे पकड़ेगा सॉफ्टवेयर
शिक्षकों को पहले टैब पर उपस्थित और अनुपस्थित मार्क करना होगा। इसके बाद कक्षा में जितने बच्चे उपस्थित होंगे उनकी तस्वीर भी अपलोड करनी होगी। इसके बाद सॉफ्टवेयर बच्चों के चेहरे और मार्क किए गए उपस्थिति का मिलान करेगा। यहा पता लगाएगा कि जो बच्चे कक्षा में उपस्थित थे, उनकी उपस्थिति बनी है या नहीं। अगर शिक्षक उपस्थिति संख्या बढ़ाने के लिए थोड़ा भी हेर -फेर करेंगे तो सॉफ्टवेयर उसे बता देगा। उपस्थिति की असल रिपोर्ट अगले दिन तक सामने आ जाएगी। ऐसे में जो बच्चे उपस्थित नहीं होंगे, उनकी उपस्थित अगर दर्ज हुई होगी तो वह भी पता चल जाएगा।