होली के बाद उत्तर बिहार को मिलेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन? दिल्ली का सफर होगा आसान
उत्तर बिहार से दिल्ली के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाए जाने की योजना है। समस्तीपुर रेल मंडल ने इसका प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। होली के बाद इस ट्रेन को चलाने की मंजूरी मिलने की संभावना है।

Vande Bharat Sleeper Train: होली के बाद रेलवे उत्तर बिहार को वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की सौगात दे सकता है। समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, चंपारण से देश की राजधानी दिल्ली तक का सफर आसान होगा। इसकी प्रक्रिया समस्तीपुर रेल मंडल ने तेज कर दी है। समस्तीपुर रेल मंडल जल्द वंदे भारत स्लीपर और अयोध्या के लिए एक नियमित ट्रेन का परिचालन करेगा। परिचालन की अनुमति रेलवे बोर्ड से मांगी गई है। नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन समस्तीपुर या दरभंगा स्टेशन से चलाने की संभावना है।
इस ट्रेन की अनुमति पर मुहर लगने के बाद इसका परिचालन शुरू हो सकेगा। इससे दिल्ली की दूरी वर्तमान की ट्रेनों की तुलना में आधे समय में तय होगी। मुजफ्फरपुर से महज 9 घंटे में दिल्ली पहुंचा जा सकेगा। इसके अलावा रेलवे सीतामढ़ी से आनंद विहार के बीच चलने वाली लिच्छवी एक्सप्रेस और गोरखपुर-संबलपुर मौर्य एक्सप्रेस ट्रेन के रूट में भी बदलाव कर सकता है।
यात्रियों की मांग को देखते हुए इन दोनों ट्रेनों के साप्ताहिक परिचालन रूट में बदलाव को लेकर समस्तीपुर रेल मंडल ने बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है। अभी लिच्छवी एक्सप्रेस सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर होकर आनंद विहार को जाती है। प्रस्तावित रूट के अनुसार, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतिहारी, मुजफ्फरपुर होकर चलाने की अनुमति मांगी गई है।
वहीं मौर्य एक्सप्रेस गोरखपुर, सीवान, छपरा, हाजीपुर होकर मुजफ्फरपुर आती है। इसे गोरखपुर, नरकटियागंज, बेतिया, बापूधाम मोतिहारी, मुजफ्फरपुर होकर संबलपुर के बीच चलाने का प्रस्ताव भेजा गया है। मालूम हो कि, इस मामले को समस्तीपुर रेलमंडल के डीआरयूसीसी सदस्य अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने उठाया था। इसके बाद समस्तीपुर मंडल ने यह पहल की है।
मुजफ्फरपुर से चलनी है अमृत भारत ट्रेन
मुजफ्फरपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन से अमृत भारत और वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन होना है। इसके मेंटनेंस के लिए वाशिंग पीट को अत्याधुनिक इलेक्ट्रिफाइड करना है। इसकी प्रक्रिया सोनपुर रेलमंडल शीघ्र शुरू करने वाला है। वाशिंग पीट को दोनों छोड़ से जोड़ दिया गया है। अब उसे इलेक्ट्रिफाइड करने की कवायद शुरू है। इलेक्ट्रिफाइड होने के बाद इन ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकेगा।