लालू के ऑफर पर नीतीश की हां या ना? जेडीयू के मंत्री महेश्वर हजारी ने कर दिया बड़ा इशारा
- दयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी ने लालू के ऑफर पर बड़ा और गहरा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के पाला बदल का सवाल महत्पूर्ण हो गया है। हालांकि नीतीश कुमार यह बार बार कह चुके हैं कि अब गलती नहीं करेंगे लेकिन राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक बयान देकर राज्य की राजनीति को गर्म कर दिया है। उन्होंने नीतीश कुमार को साथ आने का ऑफर दे दिया है कि बीजपी को छोड़कर आ जाएं तो सभी गलती माफ कर देंगे। इंडिया गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस पार्टी के नेता शकील खान ने भी लालू के बयान के समर्थन में अपनी राय जाहिर कर दिया है। इस बीच जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी ने लालू के ऑफर पर बड़ा और गहरा बयान दिया है।
गुरुवार को पटना में सूचना एवं प्रसारण मंत्री महेश्वर हजारी मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। मौका राज्याल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह का था। पत्रकारों ने हजारी से लालू के ऑफर को लेकर सवाल कर दिया। जवाब में महेश्वर हजारी ने जो बात कही उसके बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। उन्होंने राजनीति को संभावनाओं का खेल करार दिया।
महेश्वर हजारी ने कहा कि राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। बोलने के लिए चाहे कोई कुछ बोल ले लेकिन यह स्वाभाविक है कि राजनीति में दोस्त और दुश्मन नहीं होते। हालांकि उन्होंने दावा किया कि एनडीए पूरी तरह से एक साथ है। लेकिन लालू यादव के ऑफर को ठुकराने की बात उन्होंने नहीं कही।
इधर कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने भी लालू यादव के ऑफर में अपनी उर्जा भर दी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार गांधी वादी नेता हैं। उनके टेबल पर ही गांधीजी के सात उपदेश लगे हैं। अगर वे गोडसे वादियों को छोड़कर आते हैं तो उनके साथ काम करने में कोई परेशानी नहीं है। उनके साथ मिलकर सरकार चलाई जा सकती है। हालांकि तेजस्वी यादव के विचार लालू से भिन्न हैं। उन्होंने नीतीश के लिए राजद के सभी दरवाजे बंद होने का दावा किया है।