आउटसोर्स कर्मियों को नीतीश सरकार का तोहफा, स्थाई बहाली में मिलेंगी ये सब छूट
- बिहार सरकार के विभिन्न विभागों एवं कार्यालयों में संविदा आधारित पदों का सृजन कर उन पदों पर आउटसोर्स कर्मियों को बहाली में छूट देने की तैयारी की जा रही है। इससे राज्य सरकार के विभिन्न विभागों एवं कार्यालयों में बेलट्रॉन के माध्यम से नियोजित करीब 20 हजार आउटसोर्स कर्मियों को लाभ होगा।
बिहार में संविदा पर काम कर रहे कर्मियों के लिए अच्छी खबर है। सककार के विभिन्न विभागों एवं कार्यालयों में संविदा आधारित पदों का सृजन कर उन पदों पर आउटसोर्स कर्मियों को बहाली में छूट देने की तैयारी की जा रही है। इससे राज्य सरकार के विभिन्न विभागों एवं कार्यालयों में बेलट्रॉन के माध्यम से नियोजित करीब 20 हजार आउटसोर्स कर्मियों को लाभ होगा। वित्त विभाग एवं श्रम संसाधन विभाग सहित विभिन्न विभागों ने संविदा आधारित पदों के सृजन के लिए अपने-अपने अधीनस्थ कार्यालयों को निर्देश दिया है।
जानकारी के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में सितंबर, 2024 को ही बैठक आयोजित की गयी थी। इसमें सूचना प्रावैधिकी विभाग द्वारा डाटा इंट्री ऑपरेटर, आईटी मैनेजर, प्रोग्रामर के पदों के लिए प्रस्तावित सेवाशर्त/नियमावली में बेल्ट्रॉन द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से संविदा पर नियोजित डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं प्रोग्रामर, स्टेनोग्राफर, आईटी ब्यॉय एवं गर्ल्स को भी लाभ देने एवं नियमित नियुक्ति प्रक्रिया में उम्र सीमा में छूट तथा सेवा अनुभव के आधार पर मान्यता दिए जाने को लेकर निर्णय लिया गया। बैठक में लिए गए निर्णय को कार्यान्वित करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है।
इसके बाद, सूचना प्रावैधिकी विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव/सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस बैठक की कार्यवाही के संदर्भ में अपने-अपने विभागों एवं कार्यालयों में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया।
वित्त विभाग के संयुक्त आयुक्त अजय कुमार ठाकुर द्वारा सभी वरीय कोषागार पदाधिकारियों को जारी निर्देश के अनुसार कोषागार कार्यालयों के लिए डाटा इंट्री ऑपरेटर, प्रोग्रामर, स्टेनोग्राफर एवं आईटी ब्यॉय एवं गर्ल्स के संविदा आधारित पदों के सृजन के लिए न्यूनतम आवश्यक कार्यबल के संबंध में रिपोर्ट मांगी गयी है। इसके लिए इन पदों के कार्यरत बल की संख्या एवं न्यूनतम आवश्यकता की समीक्षा करते हुए न्यूनतम आवश्यक कार्यबल के संबंध में विभाग को जानकारी उपलब्ध कराना है।