आचार्य किशोर कुणाल को पद्म विभूषण मिले, नीतीश सरकार ने कर दी केंद्र से सिफारिश
- नीतीश सरकार ने आचार्य किशोर कुणाल को पद्म विभूषण देने की अनुशंसा की है। इस संबंध में कैबिनेट विभाग ने केन्द्र सरकार को अनुरोध पत्र भेजा है। बीते साल 29 दिसंबर को हार्ट अटैक से निधन हो गया था।
बिहार के गौरव आचार्य किशोर कुणाल को नीतीश सरकार ने पद्म विभूषण देने की अनुशंसा की है। इस संबंध में कैबिनेट विभाग ने केन्द्र सरकार को अनुरोध पत्र भेजा है। इससे पहले जीतन मांझी की हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) भी पद्म सम्मान देने की मांग कर चुकी है। कई सामाजिक संगठन किशोर कुणाल को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं। बता दें बीते साल 29 दिसंबर को पटना में महावीर मंदिर न्यास के सचिव और पूर्व आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल का हार्ट अटैक से निधन हो गया था।
आचार्य किशोर कुणाल ने 74 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली थी। उनके निधन को प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति माना जाता है। किशोर कुणाल बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के समधी भी थे। किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। किशोर कुणाल ने अपनी स्कूली शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव से की थी। पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में उन्होंने ग्रेजुएशन किया। बाद में किशोर कुणाल गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी बने। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के तौर पर उनकी तैनाती पटना में भी हुई थी।
किशोर कुणाल ने गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवा दी थी। 1972 में कुणाल गुजरात कैडर में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बन गए । उनकी पहली पोस्टिंग आनंद में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई। 1978 तक वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बन गए। साल 2000 में सेवानिवृत्त होने के बाद किशोर कुणाल दरभंगा स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति बने। हालांकि, बाद में वो बिहार राज्य धार्मिक बोर्ड के प्रशासन बने।
किशोर कुणाल अभी जिस विख्यात महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव थे वो समिति कई स्कूलों और कैंसर अस्पतालों का संचालन भी करती है। कई सामाजिक कार्यों से जुड़े रहने वाले किशोर कुणाल पटना में स्थित ज्ञान निकेतन स्कूल के संस्थापक भी थे। किशोर कुणाल के सेवाकाल में पटना स्थित महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। किशोर कुणाल को जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार लाने के लिए किए गए अहम कार्यों के लिए भी याद किया जाएगा।