मुस्लिम यादव बंट गए, सवर्ण भी छिटके; जेडीयू ने कैसे सुरेंद्र यादव का गढ़ छिना
बिहार की बेलागंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जेडीयू की मनोरमा देवी ने आरजेडी के विश्वनाथ सिंह को बड़े अंतर से हराया। जेडीयू ने सुरेंद्र यादव का 34 साल पुराना किला ढहा दिया। इसकी चर्चा पूरे बिहार में हो रही है।
बिहार उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की करारी हार हुई है। सबसे ज्यादा चर्चा गया जिले की बेलागंज सीट की हो रही है। यहां एनडीए समर्थित जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की प्रत्याशी मनोरमा देवी ने आरजेडी कैंडिडेट विश्वनाथ सिंह को हराकर जहानाबाद सांसद सुरेंद्र यादव का गढ़ छीन लिया। सुरेंद्र यादव बेलागंज से लगातार 8 बार विधायक रहे। इस साल लोकसभा सांसद बनने के बाद जब सीट खाली हुई तो अपने बेटे विश्वनाथ को आरजेडी के टिकट पर मैदान में उतारा। मगर उन्हें मनोरमा देवी से 21391 वोटों से हार झेलनी पड़ी। जेडीयू ने सुरेंद्र यादव के साढ़े तीन दशक पुराने गढ़ में कैसे सेंधमारी, इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार बेलागंज में इस बार बदलाव की बयार बही। आरजेडी ने जहां सुरेंद्र यादव पर भरोसा जताते हुए उनके बेटे को ही मैदान में उतारा, तो जेडीयू ने उनकी ही जाति से मजबूत महिला कैंडिडेट खड़ा कर मुकाबले को रोचक बना दिया था। मनोरमा देवी जेडीयू की एमएलसी रह चुकी हैं। वह दिवंगत बिंदेश्वरी यादव की पत्नी हैं, जो जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनका परिवार इस इलाके में लंबे समय से सक्रिय है।
इसके अलावा आरजेडी के माय समीकरण यानी मुस्लिम-यादव वोटबैंक का भी बंटवारा हुआ। आरजेडी के परंपरागत कुछ यादव वोटर जेडीयू की तरफ चले गए। वहीं, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की कोई कसर नहीं छोड़ी। बता दें कि बेलागंज में यादव वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इसके अलावा मुस्लिम, सवर्ण और दलित वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है।
सुरेंद्र यादव से सवर्ण भी छिटके?
बताया जा रहा है कि बेलागंज उपचुनाव में आरजेडी को सवर्ण वोटों का भी नुकसान झेलना पड़ा। हर बार सुरेंद्र यादव को वोट करने वाले कुछ सवर्ण मतदाताओं भी छिटक गए और जेडीयू की मनोरमा देवी को इसका फायदा मिला। अंदरखाने से यह भी खबर है कि बेटे को टिकट देने पर आरजेडी के स्थानीय कार्यकर्ता सुरेंद्र यादव से नाराज थे।
सुरेंद्र यादव को पहले ही लग चुका था कि इस बार उपचुनाव में बेलागंज में जीत आसान नहीं होने वाली है। यही कारण है कि खुद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, सुरेंद्र के बेटे विश्वनाथ के लिए चुनाव प्रचार करने बेलागंज पहुंचे। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने भी यहां रैली की। मगर फिर भी आरजेडी अपना गढ़ बचाने में नाकाम रही।
बेलागंज से विजयी प्रत्याशी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव ने जेडीयू की जीत के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि वह कई महीनों से तैयारी में जुटे थे। यहां की जनता ने ही मनोरमा देवी को प्रत्याशी बनाने की मांग की थी। रॉकी ने कहा कि बेलागंज की जनता सुरेंद्र यादव की भय और छल की राजनीति से तंग आ चुकी थी। जनता बदलाव चाहती थी।
बेलागंज उपचुनाव रिजल्ट: किसे कितने वोट मिले
मनोरमा देवी, जेडीयू - 73334
विश्वनाथ सिंह, आरजेडी- 51943
मो. अमजद, जन सुराज - 17285
जमीन अली हसन, AIMIM - 3533
नोटा - 5819