Special Newborn Care Unit Established in Munger Hospital Amid Rising Mortality Rates एसएनसीयू वार्ड में कम नहीं हो रहे नवजात की मौत व लामा के आंकड़े, Munger Hindi News - Hindustan
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एसएनसीयू वार्ड में कम नहीं हो रहे नवजात की मौत व लामा के आंकड़े

ज्य स्वास्थ्य समिति हुआ गंभीर, प्रशिक्षित डाक्टर की ड्यूटी लगाने का निर्देश मुंगेर, निज संवाददाता । सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले कम व

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरSat, 17 May 2025 02:36 AM
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एसएनसीयू वार्ड में कम नहीं हो रहे नवजात की मौत व लामा के आंकड़े

मुंगेर, निज संवाददाता । सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले कम वजन वाले, जौंडिस, हाइपोथर्मिया सहित अन्य बीमारी से ग्रसित नवजात के इलाज के लिए सदर अस्पताल में 20 बेड का एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट) बनाया गया है। इस वार्ड में 13 रेडिएंटवार्मार तथा 07 फोटोथेरापी मशीन के साथ (एफबीएमसी) फेसिलिटी वेस्ड न्यूमरल केयर का प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षित स्टाफ नर्स की ड्यूटी लगाई गई है। शिशु रोग विशेषज्ञ को इस वार्ड का नोडल चिकित्सा पदाधिकारी बनाया गया है। सिविल सर्जन, अस्पताल उपाधीक्षक और अस्पताल मैनेजर द्वारा प्रति माह एसएनसीयू वार्ड में भर्ती और इलाज होने वाले नवजात की समीक्षा की जाती है।

लेकिन प्रशिक्षित शिशु रोग विशेषज्ञ की कमी के कारण तीनों शिफ्ट में प्रशिक्षित चिकित्सक की ड्यूटी नहीं लग पाती है। शायद यही कारण है कि वार्ड में इलाजरत नवजात की मोर्टिलिटी (मृत्यु) दर और लामा (बिना सूचना के नवजात को परिजन द्वारा ले जाना) का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जनवरी से अप्रैल 25 तक एसएनसीयू वार्ड में इलाज के दौरान 17 नवजात की मौत हो चुकी है। जबकि लामा के 05 मामले सामने आ चुके हैं। एसएनसीयू वार्ड में मोर्टिलिटी (मृत्यु) दर में लगातार हो रही बढ़ोतरी को राज्य स्वास्थ्य समिति ने गंभीरता से लेते हुए अस्पताल उपाधीक्षक और अस्पताल प्रबंधक को आवश्यक निर्देश दिया है। ----- डेडिकेटेड ट्रेंड डाक्टर की ही लगाई जाए ड्यूटी राज्य स्वास्थ्य समिति के एसपीओ डा.विजय कुमार ने एसएनसीयू वार्ड में मृत्यु दर बढ़ने पर नाराजगी जताते हुए गुरूवार को अस्पताल उपाधीक्षक और प्रबंधक को फोन कर आवश्यक निर्देश दिया। निर्देश में स्पष्ट हिदायत दी गई है कि एसएनसीयू वार्ड में सिर्फ एफबीएमसी प्रशिक्षित और डेडिकेटेड डाक्टर का ही ड्यूटी रोस्टर के अनुसार लगाया जाए। ताकि वहां भर्ती नवजात का समुचित देखरेख व उपचार हो और मोर्टिलिटी रेट कम हो तथा लोगों का विश्वास कायम हो सके। ----- इमरजेंसी के डाक्टर को एसएनसीयू से टैग कर कराई जा रही ड्यूटी एसएनसीयू वार्ड में एफबीएमसी प्रशिक्षित 13 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं। 04 प्रशिक्षित शिशु रोग विशेषज्ञ का यहां पदस्थापन है। परंतु 02 शिशु रोग विशेषज्ञ ही कार्यरत हैं। एक डाक्टर शैक्षणिक अवकाश पर लम्बे समय से हैं, जबकि दूसरे डाक्टर को तारापुर में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया है। ऐसे में तीन शिफ्ट में ड्यूटी के लिए इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी करने वाले चिकित्सक को एसएनसीयू वार्ड में टैग कर ड्यूटी कराई जा रही है। ऐसे डाक्टर खासकर रात के समय इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी करने वाले डाक्टर एसएनसीयू वार्ड का भ्रमण करने नहीं जाते हैं। ---- एसएनसीयू वार्ड में चार माह में भर्ती नवजात व मौत का आंकड़ा क्र. माह एडमिट डिस्चार्ज रेफर लामा मौत 01. जनवरी 25 58 50 06 00 02 02. फरवरी 25 70 60 06 01 03 03. मार्च 25 59 48 02 02 07 04. अप्रैल 25 78 64 07 02 05 --- बोले उपाधीक्षक राज्य स्वास्थ्य समिति के एसपीओ के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधक को एफबीएमसी का प्रशिक्षण प्राप्त डाक्टरों की ड्यूटी एसएनसीयू वार्ड में लगाने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही रोस्टर तैयार कर एनएनसीयू वार्ड में तीनों शिफ्ट में डेडिकेटेड शिशु रोग विशेषज्ञ की ड्यूटी लगाई जाएगी। - डा. राम प्रवेश प्रसाद, अस्पताल उपाधीक्षक, मुंगेर।

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