प्रेम, करुणा, सेवा और समर्पण का मार्ग बताती है कृष्ण की बाल लीला
संग्रामपुर के बढ़ौनियां गांव में काली मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचिका ब्रज प्रिया किशोरी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने भक्तों को प्रेम और...

संग्रामपुर, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र के बढ़ौनियां गांव स्थित काली मंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचिका ब्रज प्रिया किशोरी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। उन्होंने श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर बाल्यकाल की अनेक लीलाओं को अत्यंत मार्मिक और सरल शैली में प्रस्तुत किया। उन्होंने पूतना वध, तृणावर्त वध, माखन चोरी, ग्वाल बालों के साथ क्रीड़ा, यशोदा माता द्वारा श्रीकृष्ण को उखल से बांधने की लीला तथा गोवर्धन धारण जैसे प्रसंगों का अत्यंत भावपूर्ण चित्रण किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं हमें प्रेम, करुणा, सेवा, समर्पण और सच्चे धर्म का मार्ग दिखाती है। पूतना वध के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि शुद्ध हृदय से किया गया कोई भी कार्य चाहे अनजाने में हो, भगवान उसे स्वीकार करते हैं। माखन चोरी की लीला यह सिखाती है कि भगवान अपने भक्तों के प्रेम के भूखे हैं। बाहरी आडंबर से नहीं। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की झांकी देख लोग मुग्ध हो गये। कथा वाचिका ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि इसके श्रवण मात्र से मानव जीवन धन्य हो जाता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
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