बिहार में ममता का सौदा, लोन का किस्त चुकाने के लिए मां ने मासूम बेटे को नौ हजार में बेचा
बच्चे की मां रेहाना खातून ने बताया कि उनको पांच लड़का और तीन लड़की है। साल भर पहले रानीगंज के एक बैंक से पचास हजार रुपये लोन लिया था। तीन माह से पैसों की तंगी की वजह से किस्त नहीं दे पा रही थी।
बिहार के अररिया से ममता के सौदे का एक मामला सामने आया है। जिले के रानीगंज की पचीरा पंचायत में पैसे के लिए मजबूर एक मां ने महज नौ हजार रुपये में ही डेढ़ साल के मासूम को बेच दिया। सूचना मिलने पर पहुंची रानीगंज पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया। बच्चे को बाल कल्याण समिति(CWC) को सौंप दिया गया है। पुलिस और CWC आगे की कार्रवाई कर रही है। बच्चे की मां और खरीदने के आरोपी से पुछताछ कर रही है।
पचीरा पंचायत के वार्ड छह के मोहम्मद हारून और रेहाना खातून के करीब डेढ़ साल के बेटे गुफरान को विस्टोरिया पंचायत के डुमरिया गांव के मोहम्मद आरिफ के यहां बेचने की बात सामने आयी। बच्चे की बुआ अरसदी ने बताया कि जब गुफरान को नौ हजार रुपये में बेचने की बात सामने आई तो अगल बगल के लोगों से नौ हजार रुपये कर्ज लेकर रेहाना खातून व गांव के अन्य लोगों के साथ आरिफ के घर गए। लेकिन आरिफ ने बच्चे को वापस नहीं किया। आरिफ के घर के लोग बोलने लगे कि हमने 45 हजार रुपये दिया है। इसके बाद हमलोग वापस आ गए।
इधर, बच्चे की मां रेहाना खातून ने बताया कि उनको पांच लड़का और तीन लड़की है। साल भर पहले रानीगंज के एक बैंक से पचास हजार रुपये लोन लिया था। तीन माह से पैसों की तंगी की वजह से किस्त नहीं दे पा रही थी। बैंक कर्मी पैसों के लिए परेशान कर रहे थे। रविवार को उनका डेढ़ साल का बेटा गुफरान अपने मामा तनवीर के घर पर था। बच्चे को उसके मामा तनवीर ने ही बेचा है। हमको नौ हजार रुपये ही मिला है। तनवीर ने बच्चे को कितने में बेचा यह नहीं पता। जानकारी मिलते ही रानीगंज पुलिस हरकत में आ गई। रानीगंज पुलिस ने डुमरिया गांव पहुंचकर देर शाम बच्चे को बरामद कर रानीगंज थाना लाया। रानीगंज थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेन्दु ने बताया कि बच्चे के पिता हारून और आरिफ की बातों में अंतर पाया गया। प्रथम दृष्टया मामला सत्य पाए जाने पर बच्चे को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया गया है। बच्चे के मामा तनवीर से संपर्क नहीं हो सका।
हमने पालने के लिए लिया था बच्चा, पैसे नहीं दिए आरिफ
डुमरिया गांव के मोहम्मद आरिफ ने बताया कि हमने बच्चे को खरीदा नहीं था। बच्चे के परिजन हमारे रिश्तेदार ही हैं। हमने केवल पालने पोषने के इरादे से उनसे बच्चा लिया था। आरिफ की बातों पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा है।