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Bihar Flood News: उत्तर बिहार के 400 से ज्यादा गांव बाढ़ में घिरे, इन जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान; दूध-दवा की भी किल्लत

Bihar Flood News: बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक 30500 पॉलीथीन और लगभग 25600 सूखा राशन पैकेट बांटे गए हैं। आवागमन को सुगम बानाने के लिए 800 नाव चलाई जा रही हैं। आवश्यकता पर नाव की संख्या और बढ़ायी जाएगी।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाTue, 1 Oct 2024 06:50 AM
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Bihar Flood News: गंडक, सिकरहना और कोसी नदियों के आक्रामक तेवर से सोमवार को उत्तर और पूर्वी बिहार के बड़े इलाके में तबाही मची है। पश्चिम व पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और दरभंगा में आठ तटबंधों के टूट जाने से बाढ़ का पानी 400 से ज्यादा गांवों में घुस गया है। उधर, सुपौल व सहरसा के बाद सोमवार को कोसी का पानी मधेपुरा और खगड़िया जिले के कई गांवों में फैल गया। सीतामढ़ी, शिवहर और दरभंगा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। हजारों लोगों ने बांधों या ऊंचे स्थानों पर शरण ले रखी है। पीड़ा और दहशत के बीच घरों की छतों, तटबंधों व एनएच पर लोग समय बिताने को मजबूर हैं। कई गांव टापू बने हुए हैं। उन्हें भोजन, पानी, बच्चों के लिए दूध व दवा समेत अन्य आवश्यक सामग्री के लिए कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

दरभंगा के किरतपुर प्रखंड के भुवौल गांव में रविवार देर रात कोसी के टूटे तटबंध का दायरा करीब चार सौ मीटर हो गया है। इससे बिरौल अनुमंडल के करीब 40 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। 50 हजार से अधिक लोगों ने पश्चिमी कोसी तटबंध पर शरण ले ली है। सीतामढ़ी के बेलसंड, परसौनी व रुन्नीसैदपुर प्रखंड के सैकड़ों घरों और सरकारी दफ्तरों में तीन से चार फीट पानी है। सड़कों का अस्तित्व खत्म हो गया है। बेलसंड प्रखंड के सौली में बागमती नदी पर बना तटबंध टूटने से परसौनी प्रखंड की ओर तेजी से पानी फैल रहा है। 

रुन्नीसैदपुर में एनएच 77 किनारे बाढ़ के पानी का दबाव शुरू हो गया है। रुन्नीसैदपुर से लेकर कोआही तक के गांव टापू बन गए हैं। इन जगहों पर हर घर में पानी प्रवेश कर गया है। तिलकताजपुर, खरंहुआ-नुनौरा में कई घर ध्वस्त हो गए हैं। नौतन के शिवराजपुर में रिटायर बांध टूट कर बह गया है। संग्रामपुर में अरेराज हाजीपुर मुख्य पथ पर गंडक का पानी चढ़ गया है। सुगौली बेतिया मुख्य पथ पर बिशुनपुरवा के पास दो फीट पानी है। लौरिया-नरकटियागंज सड़क मार्ग बंद है। मधेपुरा जिले के आलमनगर और चौसा प्रखंड में सोमवार को बाढ़ से करीब चार दर्जन गांव प्रभावित हो गए। आलमनगर प्रखंड की किशनपुर रतवारा, खापुड़, गंगापुर, बड़ गांव, इटहरी, कुंजौरी पंचायत के करीब दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी में घिर गए।

16 जिलों की 9.90 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित

गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा और अन्य नदियों में आयी बाढ़ से राज्य के 16 जिलों के 55 प्रखंडों के 269 ग्राम पंचायतों की 9.90 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा बाढ़ प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित लोगों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर लाया गया है। आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष कुमार बाढ़ की स्थिति का अनुश्रवण कर रहे हैं।

बाढ़ प्रभावित आबादी को सुरक्षण तरीके से निकालने के लिए एनडीआरएफ की 15 और एसडीआरएफ की 15 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त वाराणसी और रांची से एनडीआरएफ की 3-3 टीमें बुलाई गई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन 127 सामुदायिक रसोई केंद्र चला रहा है। इसके माध्यम से 49400 लोगों को भोजन कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 71 राहत शिविर लगाए गए हैं।

यहां 54700 शरणार्थी शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक 30500 पॉलीथीन और लगभग 25600 सूखा राशन पैकेट बांटे गए हैं। आवागमन को सुगम बानाने के लिए 800 नाव चलाई जा रही हैं। आवश्यकता पर नाव की संख्या और बढ़ायी जाएगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पर्याप्त दवा के साथ डॉक्टर तैनात किए गए हैं। आठ बोट एंबुलेंस पर मोबाइल मेडिकल टीम कार्यरत है। बाढ़ वाले इलाकों के पानी निकलने पर महामारी से बचाने के लिए पर्याप्त ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के साथ डेंगू की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए कहा गया है।

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