स्वतंत्रता सेनानियों की खोज खबर लेगी मोदी सरकार, गृह मंत्रालय से सभी राज्यों को SOP जारी
गृह मंत्रालय के स्वतंत्रता सेनानी एवं पुनर्वास प्रभाग ने इस संबंध में सभी राज्यों को एसओपी जारी किया है। प्रभाग के निदेशक राम चरण मीणा ने इसके लिए सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि देश के बुजुर्ग हो चुके सभी जीवित स्वतंत्रता सेनानियों का नियमित हालचाल लिया जाए।
दशकों से सरकार से सिर्फ पेंशन का नाता रखने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब नियमित हालचाल जानेगी। अब बेहद बुजुर्ग हो चुके इन स्वतंत्रता सेनानियों की सेहत के अलावा उनके पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं की भी जानकारी ली जाएगी। साथ ही उनका निदान भी किया जाएगा। वर्ष 2022 की समीक्षा के अनुसार, देश में फिलहाल 4004 स्वतंत्रता सेनानी जीवित हैं। इनमें से कई गंभीर रूप से बीमार हैं तो बड़ी संख्या में पारिवारिक समस्याओं में उलझे हुए हैं।
गृह मंत्रालय के स्वतंत्रता सेनानी एवं पुनर्वास प्रभाग ने इस संबंध में सभी राज्यों को एसओपी जारी किया है। प्रभाग के निदेशक राम चरण मीणा ने इसके लिए सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि देश के बुजुर्ग हो चुके सभी जीवित स्वतंत्रता सेनानियों का नियमित हालचाल लिया जाए। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी जाए कि वे छह माह में कम से कम एक बार स्वतंत्रता सेनानी के घर पहुंचे और उनके स्वास्थ्य के अलावा पारिवारिक और सामाजिक समस्या के बारे में जानकारी लें। इसके अलावा यदि उनकी पेंशन से संबंधी कोई समस्या हो तो उसका भी निदान करें।
निदेशक ने सभी मुख्य सचिव को कहा है कि स्वतंत्रता सेनानियों का पूरा रिकार्ड रखा जाए और उनके बारे में नियमित रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जाए। निदेशक के पत्र के आलोक में गृह विभाग के अवर सचिव संजीव कुमार सिंह ने सभी डीएम को निर्देश के अनुपालन का आदेश दिया है। साथ ही एसडीएम को इसके लिए अधिकृत करने को कहा है।
देश में 20025 को मिलता है राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन
गृह मंत्रालय के स्वतंत्रता सेनानी एवं पुनर्वास प्रभाग के रिकार्ड की आखिरी बार वर्ष 2022 में समीक्षा हुई थी। इस रिकार्ड में बताया गया है कि देश में वर्तमान में राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन पाने वालों की संख्या 20025 है।
इसमें से 4004 स्वतंत्रता सेनानी जीवित हैं। वहीं, 14623 स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को और 1398 स्वतंत्रता सेनानी की पुत्रियों को पेंशन दी जाती है। देश में वर्तमान में सबसे अधिक तेलंगाना में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मान पेंशन का भुगतान होता है।
मुजफ्फरपुर के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी हैं कामेश्वर झा
मुजफ्फरपुर जिले में कुल 36 स्वतंत्रता सेनानी पेंशनधारी हैं। इनमें से 35 स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन हैं और एक मात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी गायघाट के कामेश्वर झा हैं। हालांकि, उनका स्वास्थ अच्छा नहीं है और वे चलने फिरने में असमर्थ हो चुके हैं।