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बोतल पुरानी शराब नई; जेल से छूटे माफिया कर रहे नकली दारू का कारोबार, इन सीक्रेट कोड वर्ड से धंधा

उत्पाद विभाग की जांच में पता चला है कि कई माफिया जेल से छूटने के बाद फिर से शराब के धंधे लग गए हैं। इसको लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इनको पकड़ने के लिए ड्रोन कैमरे और शराब ढूंढ़ने वाले खोजी कुत्तों के साथ टीम तैयार की गई है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 31 Aug 2024 03:11 AM
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मुजफ्फरपुर समेत बिहार के विभिन्न जिलों में नकली शराब का धंधा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जेल से छूटे माफिया नकली शराब बनाकर उसको ब्राडेंड कंपनियों के बोतल पैककर सप्लाई कर रहे हैं। उत्पाद विभाग ने मुजफ्फरपुर के ऐसे 20 बड़े माफिया की सूची तैयार कर लिया है और उन पर नजर बनाए हुए है। उत्पाद इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि अहियापुर के शेखपुर ढाब से गिरफ्तार माफिया पप्पू सहनी पूर्व में शराब मामले में जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद वह फिर उस धंधे में जुट गया था। सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है।

उत्पाद विभाग की जांच में पता चला है कि कई माफिया जेल से छूटने के बाद फिर से शराब के धंधे लग गए हैं। इसको लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इनको पकड़ने के लिए ड्रोन कैमरे और शराब ढूंढ़ने वाले खोजी कुत्तों के साथ टीम तैयार की गई है। इस टीम का काम नकली देसी व विदेशी शराब बनाने वाली जगह को तलाश कर सूचित करना है। जिले के दियारा क्षेत्रों में इसको लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। जांच में यह भी पता चला है कि कई शराब माफिया दूसरे राज्यों में रहकर वहां से शराब की सप्लाई कर रहे हैं। उनका भी डाटा तैयार किया जा रहा है।

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स्प्रिट और शराब उतारने के हैं कोड वर्ड उत्पाद इंस्पेक्टर ने बताया कि माफिया शराब को अलग-अलग नाम से कोड करते हैं। उसके लिए उन्होंने कोड वर्ड तैयार कर रखा है। स्प्रिट व देसी शराब को कोड वर्ड में पानी कहा जाता है। वहीं, शराब की खेप को उतारने के लिए ट्रक कट रहा है, यह कहा जाता है। ताकि, स्थानीय ग्रामीण या लोगों को समझ नहीं आ सके।

सबसे अधिक गंडक दियारा इलाके में हैं सक्रिय

जिले के अहियापुर, मनियारी समेत बूढ़ी गंडक के दियारा इलाकों में सबसे अधिक नकली शराब बनाने वाले माफिया सक्रिय हैं। इसके अलावा कांटी, सदर, मोतीपुर, हथौड़ी, मीनापुर समेत विभन्न थाना क्षेत्रों में भी नकली शराब बनाने कारोबार चल रहा है। दो दिन पहले ही उत्पाद की टीम ने अहियापुर के शेखपुर ढाब से नकली शराब बनाने वाली फैक्ट्री का खुलासा किया था। चार महीने पहले पुलिस ने कल्याणपुर हरौना गांव में छापेमारी कर देसी शराब फैक्ट्री बनाने के अड्डे को ध्वस्त कर एक धंधेबाज को गिरफ्तार किया था। वर्ष 2021 में मोतीपुर पुलिस ने मोरसंडी में छापेमारी कर देसी शराब की मिनी फैक्ट्री पकड़ी थी। अप्रैल 2021 में मीनापुर के धारपुर गांव में उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी कर नकली शराब बनाने वाली फैक्ट्री का खुलासा किया था।

हाइवे को छोड़कर ग्रामीण सड़कों से मंगवा रहे शराब

उत्पाट इंस्पेक्टर ने बताया कि शराब माफिया हाइवे को छोड़कर ग्रामीण सड़कों से शराब मंगवा रहे हैं। जिले के सात चेकपोस्ट पर प्रत्येक छोटी-बड़ी गाड़ियों की जांच की जाती है। इसके अलावा, अलग-अलग टीमें ग्रामीण इलाकों में भी सर्च अभियान चला रही हैं। ताकि, शराब माफिया पर नकेल कसी जा सके।

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