वक्फ कानून पर विपक्षी में तालमेल की कमी? सीपीआई ने महागठबंधन की बैठक बुलाने कहा
वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद उस पर मंथन के लिए भाकपा ने महागठबंधन दलों की बैठक बुलाने की मांग की है। राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने इसके लिए राजद, कांग्रेस, माकपा और भाकपा माले को पत्र लिखा है। भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि ये कानून पूरी तरह असंवैधानिक है।

वक्फ संशोधन कानून को लेकर देशभर में सियासत उबाल पर है। बिहार में भी इस कानून के खिलाफ विपक्ष हमलावर है। लेकिन महागठबंधन मेंतालमेल की कमी देखी जा रही है। जिसके चलते अब ग्रांड अलायंस की सहयोगी सीपीआई ने एकजुट होने का आह्वान किया है। वक्फ संशोधन लागू होने के बाद उस पर विचार के लिए भाकपा ने महागठबंधन दलों की बैठक बुलाने की मांग की है। राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने इसके लिए राजद, कांग्रेस, माकपा और भाकपा माले को पत्र लिखा है।
भाकपा राज्य सचिव ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि केन्द्र की एनडीए सरकार द्वारा बनाए गए वक्फ कानून पूरी तरह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा है कि यह वक्फ पर चुनिंदा प्रतिबंध लगाकर संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है। यह कानून अनुच्छेद 25 तथा अनुच्छेद 26 की भी अवहेलना करता है। यह बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की रणनीति है।
वक्फ कानून में संशोधन अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है, जिससे भूमि हड़पने में मदद मिलती है। वक्फ परिषद् का पुनर्गठन अल्पसंख्यक संस्थानों में अनुचित हस्तक्षेप है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हस्तक्षेप से अल्पसंख्यक समुदाय के चर्च, गुरुद्वारे और मंदिर सहित अन्य धार्मिक संस्थानों को सरकार द्वारा नियंत्रित करने की मिसाल कायम हो सकती है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि अगर हमारी सरकार बनी तो बिहार में संशोधित वक्फ कानून लागू नहीं होने देंगे। इसे कूड़े में फेंक देंगे। वहीं कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि इस मामले को लेकर हम लोग जनता के बीच जाएंगे। वक्फ कानून को गैरसंवैधानिक करार दिया।