परबत्ता: गंगा में उफान से घर व आंगन में फिर लौटा बाढ़ का पानी
परबत्ता में गंगा नदी के उफान से कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। ग्रामीणों ने अपने सामान सुरक्षित कर लिए हैं, लेकिन पशुओं के लिए हरी चारा की कमी हो गई है। जीएन बांध पर दबाव बढ़ रहा है और कई गांवों...
परबत्ता। एक प्रतिनिधि गंगा नदी तेज गति से उफान से एक बार फिर गंगा का पानी घर आंगन में लौट चुका है। बाढ़ का पानी कज्जलवन दियारा, विकाशनगर व सलारपुर गांव के तीन दर्जन से अधिक घरों में दस्तक दे दिया है। वही जीएन बांध के बाहर के गांव विष्णुपुर, मुरादपुर, जागृति टोला, बिशोनी आदि में भी पहुंच चुका है। गंगा में तेज उफान देख स्थानीय ग्रामीणों के बीच बाढ़ आने का भय सताने लगा है। लोग अपने-अपने सामानों को ऊंचे स्थानो पर सुरक्षित कर चुके हैं। इधर बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि दियारा क्षेत्र के जलमग्न होने से जहां एक ओर घरेलू सामान सुरक्षित करने में काफी परेशानी हो रही है। वही दूसरी ओर दियारा के डूब जाने से पशुओं को हरी चारा की किल्लत बढ़ गई है। गंगा नदी की बाढ़ से जीएन व रिंग बांध पर बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ने लगा है। क्या है लोगों की परेशानी : परबत्ता प्रखंड के19 में से करीब10 पंचायतों के करीव एक दर्जन से अधिक गांव जीएन बांध के बाहर बसे हुए हैं। प्रत्येक वर्ष बाढ़ की थपेड़ा खाना इनकी नियति बनी हुई है। बाढ़ के आते ही सलारपुर, कोरचक्का आदि गांवों के लोगों की परेशानी बढ जाती है। क्या कहते हैं पशुपालक: इधर पशुपालक विपीन कुमार, राजीव कुमार आदि बताते हैं कि दियारा से पशुओं के गांव जाते ही हरी चारा, मवेशी बांधने आदि की परेशानी झेलनी पड़ रही है। दियारा क्षेत्र में हरा चारा पर्याप्त मात्रा में मिल जाया करता था, लेकिन दियारा के डूब जाने से मवेशी के खाने-पीने, रखरखाव आदि की काफी परेशानी होती है। इधर कई लोगो ने बताया कि कज्जलवन दियारा के बाढ़ पीड़ित परिवारो को अभी तक नाव आदि की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। बताया जाता है कि तेज गति से गंगा के जलस्तर में बढ़ने से जीएन बांध के बाहर बसे तकरीबन आधा दर्जन गांवों के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह बोले अधिकारी
सीओ परबत्ता मोना गुप्ता ने कहा कि बाढ़ को लेकर संबंधित क्षेत्र के राजस्वकर्मी को आवश्यक निर्देश दिया गया है। नदियों के घटते व बढ़ते जलस्तर पर पैनी नजर रखी जा रही है।
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