Corruption in Panchayat Officials Protect Wrongdoers Amid Financial Mismanagement प्राकलन के अनुसार काम हो या नहीं,लेकिन राशि का भुगतान जरूर होगा, Jamui Hindi News - Hindustan
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प्राकलन के अनुसार काम हो या नहीं,लेकिन राशि का भुगतान जरूर होगा

लक्ष्मीपुर के नजारी पंचायत में 15वीं वित्त आयोग द्वारा कार्यान्वित योजनाओं में अनियमितताओं का मामला सामने आया है। पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक ने सरकारी स्कूल के रसोइया के खाते में मजदूरी की राशि भेजी,...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईWed, 16 April 2025 12:21 AM
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  प्राकलन के अनुसार काम हो या नहीं,लेकिन राशि का भुगतान जरूर होगा

लक्ष्मीपुर, निज संवाददाता प्रखंड का नजारी पंचायत किसी न किसी बात के लिए सुर्खियों में रहता है। अगर इसमें हवा देने का काम संबंधित पदाधिकारी करने की बात कहें। तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। ताजा मामला पंचायत में 15वीं वित्त आयोग द्वारा कार्यान्विग योजना को लेकर है। जिससे पंचायत जिला से लेकर प्रदेश कार्यालय तक में चर्चा में है। लेकिन दोषी हमेशा बचते रहे हैं। जो चर्चा का एक अलग विषय है। चुंकि पंचायत जारी में प्राक्कलन के अनुसार काम हो या नहीं। लेखकों भुगतान प्राकलन के अनुसार होगा तर्ज पर काम हो रहा है। जिसमें अनियमितता की मामला प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों के संज्ञान में जाने के बावजूद दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती है। इससे जाहिर होता है कि अनियमितता में संलिप्त पंचायत सचिव, मुखिया और तकनीकी सहायक को पदाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई के जगह पदाधिकारी उसके बचाव की बात करते हैं। ताजा मामला एक पीसीसी सड़क निर्माण में मजदूरी की राशि का भुगतान एक सरकारी स्कूल में कार्यरत रसोइया के खाते में भेजने से संबंधित है। तो दूसरा मामला नौडीहवा में छठ घाट के निर्माण से संबंधित है। दोनो ही योजना में पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक अनियमितता की सीमा पार कर मापी पुस्तिका का संधारण कर राशि का भुगतान कर दिया। जबकि दोनों ही योजना में बरती गई अनियमितता की जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेम प्रकाश, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार को दिया गया। बावजूद इसके लेकर दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं किया गया। जहां तक नौडीहवा में छठ घाट निर्माण में बरती गई अनियमितता की बात है। तो वह तकनीकी जांच का विषय है। जानकारी के अनुसार दस इंच की दीवार के जगह पांच इंच की दीवार दिया गया। आरसीसी ढ़लाई में पांच इंच सरिया के जगह दो फीट की दूरी पर सरिया बांधा गया। जिसकी जानकारी पदाधिकारी को था। संपर्क करने पर पदाधिकारी द्वेय ने जांच कर दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किया जाएगा। लेकिन जांच और कार्यवाही के जगह वैसे योजना का भुगतान पदाधिकारियों के इशारे पर कर दिया गया।

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