Hindi Newsबिहार न्यूज़I cards for teachers uniforms and books for children on first day plan of ACS S Siddhartha

शिक्षकों को आई कार्ड, बच्चों को पहले दिन पोषाक और किताबे; एसीएस एस सिद्धार्थ का प्लान क्या है

डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि अब सरकारी विद्यालयों के शिक्षक भी आई कार्ड पा सकेंगे। शीघ्र ही ई-शिक्षा कोष में यह व्यवस्था की जाएगी। कोई भी शिक्षक वहां से डाउनलोड कर अपना आई कार्ड ले सकते हैं। क्यूआर कोड की व्यवस्था भी रहेगी।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटनाSun, 24 Nov 2024 06:45 AM
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बच्चों को विद्यालय जाने के पहले ही दिन पोशाक और किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। सरकार उन्हें इसके लिए संसाधन मुहैया कराएगी। खाते में पैसे देने के साथ-साथ अन्य आवश्यक कार्य किये जाएंगे। यह जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने दी। वे शिक्षा की बात के चौथे एपिसोड में शिक्षकों-बच्चों के सवालों के जवाब दे रहे थे। बिहार के सरकारी स्कूलों में पठन पाठन और अन्य प्रकार की व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए अपर मुख्य सचिव(एसीएस) एस सिद्धार्थ काफी काम कर रहे हैं।

शिक्षकों को आई कार्ड

डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि अब सरकारी विद्यालयों के शिक्षक भी आई कार्ड पा सकेंगे। शीघ्र ही ई-शिक्षा कोष में यह व्यवस्था की जाएगी। कोई भी शिक्षक वहां से डाउनलोड कर अपना आई कार्ड ले सकते हैं। क्यूआर कोड की व्यवस्था भी रहेगी। सरकारी विद्यालयों के सभी वर्गों की दीवारों पर रंगीन पेंटिंग होंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल अवधि में कोई बदलाव नहीं होगा। अलबत्ता, जहां कम कमरे और वर्ग अधिक हैं, वहां इसका विकल्प मिलेगा। जहां कमरे उपलब्ध हैं, वहां कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। इसके लिए स्कूलों को निकट के आईटीआई, पालिटेक्निक और इंजीनियरिंग कालेज से जोड़ा जाएगा। वे प्लंबर, टेक्निशियन आदि सेक्टरों में प्रशिक्षित हो सकेंगे।

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एक दिसंबर से छुट्टी के बाद भी बनेगी फोटो सहित हाजिरी

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि पहली दिसंबर से स्कूल छोड़ने के समय भी शिक्षकों की फोटो सहित हाजिरी बनेगी। यह अनिवार्य होगा। इस समय केवल विद्यालय आने पर ही फोटो एटेंडेंस बनता है। लेकिन आगे विद्यालय आने और जाने दोनों ही समय फोटो एटेंडेंस बनेगा।

शिकायतों की निगरानी के लिए बनेगा एसओपी

स्कूलों की शिकायत पेटी में आई शिकायतों की निगरानी और सख्त होगी। इसके लिए एसओपी बनेगा। बाल संसद, छात्र कमेटी सशक्त बनेगी। सभी विद्यालयों में खेल-संगीत-पेंटिंग व अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों और कला से जुड़ी गतिविधियों के लिए एक घंटा तय होगा।

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