साइबर ठगी का जाल: विदेशों में फंसे युवओं को इलेक्ट्रिक शॉक दे कराते हैं कॉल, NIA जांच में खुलासा
एनआईए की ओर से बताया गया है कि कंबोडिया में फंसे बेरोजगारों को मानव तस्कर भारत में कॉल कर साइबर ठगी के लिए लोगों को शिकार बनाने का आदेश देते हैं। बात नहीं मानने पर उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक दिया जाता है।
विदेश में मानव तस्करों के चंगुल में फंसे बेरोजगारों को साइबर ठगी के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। ठगी के काम से इनकार पर मानव तस्कर उनको इलेक्ट्रिक शॉक तक देते हैं। मानव तस्करी के विदेशी लिंक की जांच कर रही एनआईए ने विदेश में फंसे बेरोजगारों का दर्द साझा किया है।
एनआईए की ओर से बताया गया है कि कंबोडिया में फंसे बेरोजगारों को मानव तस्कर भारत में कॉल कर साइबर ठगी के लिए लोगों को शिकार बनाने का आदेश देते हैं। पीड़ितों द्वारा एनआईए को दिए गए बयान से पता चला है कि साइबर धोखाधड़ी से इनकार करने पर मानव तस्करी वाली कंपनियों के प्रबंधक विदेश में फंसे युवकों को बिजली के झटके सहित मानसिक और शारीरिक यातना देते हैं।
विदेश में नौकरी के नाम पर भेजे गए कई युवक वहां से वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगा चुके हैं। बीते साल नवंबर में औराई की भलुरा पंचायत के जगोलिया के आफताब शेख का एक वीडियो वायरल हुआ था। उसने वीडियो में भारत सरकार से मदद मांगी थी। काफी प्रयास के बाद उसे अरब से मुक्त कराकर इस साल जनवरी में भारत लाया गया। आफताब ने वायरल वीडियो में बताया था कि मधुबनी जिले के परसौनी के अरशद ने उससे डेढ़ लाख रुपये लेकर दिल्ली के तैमूर नगर से अल अहमदी कंपनी में मजदूरी (पलंबर) के लिए भेजा था। एजेंट ने उसे भेज तो दिया, मगर वहां जाकर उसे न तो काम मिला और न ही खाने-पीने का पैसा मिल रहा। आठ महीने से सऊदी अरब के रियाद में नौकरी के लिए वह ठोकर खाता रहा। कंपनी उसे भारत लौटने का इकरारनामा पत्र भी नहीं दे रही थी। इससे भारतीय दूतावास भी लौटने में मदद नहीं कर पा रहा था।
वीडियो जारी होने के बाद अरशद को परिवार वालों ने पकड़ा। इससे दिल्ली के एजेंट पर दबाव बढ़ा, तब काफी प्रयास के बाद आफताब लौट पाया। इससे पहले मोतीपुर और बरुराज इलाके से गए मजदूरों को भी कंपनी ने बंधक बना लिया था। उन लोगों ने भी वीडियो बनाकर परिजनों को सोशल मीडिया के माध्यम से अवगत कराया था। परिजनों के काफी प्रयास और विदेश मंत्रालय की मदद से उनको अरब से लाया गया था।