Hindi Newsबिहार न्यूज़How will you know if you are suffering from diabetes know advice of JLNMCH Doctors

आप डायबिटीज की चपेट में तो नहीं हैं, कैसे पता चलेगा? बता रहे JLNMCH के डॉक्टर

डॉक्टर ने बताया कि इसमें ब्लड शुगर बहुत हाई हो जाता है। फलों जैसी गंध वाली सांस डायबेटिक कीटोएसिडोसिस का लक्षण हो सकता है। वहीं शुगर होने का पहला संकेत हो सकता है। इसमें इंसुलिन की कमी के कारण खून में खतरनाक कीटोन्स का निर्माण हो जाता है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 14 Nov 2024 10:47 AM
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डायबिटीज की समस्या बिहार में तेजी से फैल रही है। इस बीमारी में अब उम्र जैसी बात भी नहीं रही। अगर आपके मुंह से फलों की गंध आती है तो इसको लेकर खुश मत होइए। फलों जैसी गंध मुंह से आना शुगर की बीमारी की निशानी है। आपकी जरा सी लापरवाही आपको अस्पताल तक पहुंचा सकती है। इन दिनों शुगर के मरीजों में फलों की तरह गंध आने के लक्षण दिख रहे हैं।

पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल में सबसे बड़े अस्पताल की सूची में शुमार जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) में हरेक सप्ताह मुंह से फलों की गंध वाले शुगर के तीन से चार मरीज मिल रहे हैं। बड़ी बात ये है कि इस तरह के मरीजों में शुगर बहुत ही हाई होता है, जिसमें मरीज को भर्ती करके इंसुलिन या शुगर की दवा का हाईडोज देना पड़ता है। मायागंज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविलेष कुमार बताते हैं कि वैसे तो मुंह से असामान्य गंध को भी डायबिटीज का लक्षण माना जाता है। ये गंध किसी भी तरह की हो सकती है। लेकिन फलों जैसी गंध को डायबिटीज का गंभीर लक्षण माना जाता है।

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डॉक्टर ने बताया कि इसमें ब्लड शुगर बहुत हाई हो जाता है। फलों जैसी गंध वाली सांस डायबेटिक कीटोएसिडोसिस का लक्षण हो सकता है। वहीं शुगर होने का पहला संकेत हो सकता है। इसमें इंसुलिन की कमी के कारण खून में खतरनाक कीटोन्स का निर्माण हो जाता है। इस स्थिति में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने के साथ-साथ बार-बार पेशाब होना, ज्यादा प्यास लगना, अकारण वजन का घटना, बहुत ज्यादा भूख का लगना, हाथ-पैर का सुन्न होना, सूखी त्वचा और त्वचा संक्रमण के लक्षण मिलते हैं। इसलिए मुंह से अधिक दुर्गंध आने पर शुगर की जांच करा लेनी चाहिए।

गांवों में तेजी से बढ़ रही शुगर की बीमारी

वरीय फिजिशियन डॉ. विनय कुमार झा बताते हैं कि पहले शुगर की बीमारी के ज्यादातर मामले शहर में ही दिखते थे। लेकिन अब गांवों में शुगर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। साल 2015 में हुए सर्वे में जहां 6.9 प्रतिशत शहरी आबादी और 4.1 प्रतिशत ग्रामीण आबादी शुगर की बीमारी की जद में थी। वहीं इस साल शुगर के आंकड़े बढ़कर शहरी आबादी में 7.9 प्रतिशत तो ग्रामीण क्षेत्र में 7.6 प्रतिशत लोग शुगर की बीमारी के शिकार मिले। इसके पीछे के कारण अब गांवों में लोगों की जीवनशैली शहरियों की तरह ही बदल गई है।

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