बच्चों को साइबर ग्रूमिंग से कैसे बचाएं? सिखाएगी यह किताब, NCERT और शिक्षा विभाग की कारगर पहल
फर्जी सोशल मीडिया खातों से किशोरों को झांसा देकर शिकार बनाया जा रहा है। साइबर ग्रूमिंग के खतरों से बचाने के रास्ते बताने को एक किताब तैयार की गई है। स्कूलों में इसके माध्यम से किशोरों को जागरूक करने की मुहिम चलेगी। कक्षा 8वीं से ही इस पुस्तक के जरिए बच्चों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।
बिहार समेत पूरे देश में इबर ठग किशोरों से भावनात्मक संबंध बनाकर उनका शोषण कर रहे हैं। सोशल मीडिया, चैट रूम, मैसेजिंग एप के जरिए ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में साइबर ग्रूमिंग का शिकार बनने से किशोरों को बचाने की पहल शुरू की गई है। यह पहल शिक्षा विभाग और एनसीईआरटी ने की है।
दरअसल फर्जी सोशल मीडिया खातों से किशोरों को झांसा देकर शिकार बनाया जा रहा है। साइबर ग्रूमिंग के खतरों से बचाने के रास्ते बताने को एक किताब तैयार की गई है। स्कूलों में इसके माध्यम से किशोरों को जागरूक करने की मुहिम चलेगी। कक्षा 8वीं से ही इस पुस्तक के जरिए बच्चों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। सभी सरकारी और निजी स्कूलों में इसके जरिए बच्चों को इन खतरों से बचाने को लेकर अभियान चलाया जाएगा। पुस्तक में विभिन्न तरह के साइबर खतरों को शामिल किया गया है, जिसमें सबसे अधिक साइबर ग्रूमिंग के शिकार बनने पर चिंता जताते हुए इससे बचाव के उपाय बताये गए हैं।
कैसे बनाते हैं साइबर ग्रूमर्स बच्चों को शिकार
साइबर ग्रूमर्स गेमिंग वेबसाइट, सोशल मीडिया, ईमेल, चैट रूम, इंस्टेंट मैसेजिंग आदि का उपयोग कर फर्जी अकाउंट के जरिए खुद को बच्चा बताकर या बच्चे जैसी रुचि रखने का नाटक कर बच्चों को आकर्षित करते हैं।
इस तरह बच्चे फंस रहे ठगों के जाल में
हममें से कई लोगों को यह एहसास ही नहीं होता कि कोई हमें ऑनलाइन ग्रूम कर रहा है। ऑनलाइन ग्रूमर कोई जाना-पहचाना व्यक्ति, रिश्तेदार या फिर अनजान व्यक्ति भी हो सकता है, जिससे हम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, चैट रूम या गेमिंग पोर्टल आदि पर ऑनलाइन मिले हों। प्रारंभ में साइबर ग्रूमर बधाई, उपहार, मॉडलिंग जॉब का प्रस्ताव देता है और बाद में अश्लील संदेश, फोटो वीडियो भेजना शुरू कर देता है। बच्चों से भी अपनी नग्न स्पष्ट तस्वीरें या वीडियो साझा करने के लिए कहता है।
ऑनलाइन ग्रूमर ज्यादातर किशोरों को निशाना बनाते हैं, क्योंकि किशोरावस्था में उन्हें जैविक, व्यक्तिगत और सामाजिक बदलावों का सामना करना पड़ता है।
चलेगी मुहिम
● फर्जी सोशल मीडिया खातों से किशोरों को झांसा देकर बनाते हैं शिकार
● शिक्षा विभाग और एनसीईआरटी ने साइबर ग्रूमिंग के खिलाफ की पहल
● साइबर ग्रूमिंग के खतरों से बचाने के रास्ते बताने को तैयार की पुस्तक
● स्कूलों में इसके माध्यम से किशोरों को जागरूक करने की चलेगी मुहिम
क्या है साइबर ग्रूमिंग
साइबर ग्रूमिंग बच्चों और किशोरों के सामने आने वाले प्रमुख साइबर खतरों में सबसे तेजी से उभर रहा है। इसमें कोई व्यक्ति सोशल मीडिया या मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से बच्चों के साथ भावनात्मक संबंध बनाता है, जिसका उद्देश्य उनका यौन शोषण या शोषण करने के लिए उनका विश्वास जीतना होता है।