बीपीएससी शिक्षकों को हेडमास्टर बनाने के आदेश पर हाई कोर्ट की रोक, 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई
पटना हाई कोर्ट ने रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार शिक्षा निदेशालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें नियोजित शिक्षकों के बजाय बीपीएससी टीचर को हेडमास्टर का प्रभार सौंपने की बात कही गई थी।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से चयनित शिक्षकों को स्कूलों में हेडमास्टर का प्रभार दिए जाने के आदेश पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी। इस बीच हाई कोर्ट ने इस मामले पर जवाबी हलफनामा दायर करने का भी आदेश दिया है। बिहार के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से पूर्व में एक आदेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में जिन नियोजित शिक्षकों के पास हेडमास्टर का प्रभार है वे तुरंत बीपीएससी से चयनित टीचर को सौंप दें।
इस आदेश पर नियोजित शिक्षकों को करारा झटका लगा। इसके खिलाफ पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। जस्टिस नानी टांगिया की एकलपीठ ने किशोरी दास की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद शिक्षा निदेशालय के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई।
कोर्ट को बताया गया कि बिहार सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक पत्र जारी कर निर्देश दिया था कि राज्य के जिस किसी भी माध्यमिक एवं उच्तर माध्यमिक स्कूल में कोई भी नियोजित शिक्षक प्रधानाध्यापक के प्रभार में है, तो वे अविलंब बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक को अपना प्रभार सौंप दें।