अगर आपके बच्चे होते तो आप परीक्षा बाधित करते.., जब पीयू के कर्मचारियों से राज्यपाल ने पूछा
गवर्नर राज्य के विश्वविद्यालयों के चांसलर भी हैं। राज्यपाल ने इस बैठक में कर्मचारी संघ क नेताओं और विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों को बैठक में बुलाया था। इनमें विश्वविद्यालय के वीसी एके सिंह भी शामिल हैं।
पटना विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की हड़ताल समाप्ति के बाद दुबारा परीक्षाओं की तिथि को संशोधित किया गया है। पीयू वेबसाइट पर परीक्षाओं की तिथि उपलब्ध है। परीक्षाओं का दौर अब 17 दिसंबर से शुरू होगा जो लगातार एक माह तक 17 जनवरी 2025 तक चलेगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम किशोर ने बताया कि यूजी वोकेशनल की परीक्षाएं 17 दिसंबर से शुरू होंगी। यूजी वोकेशनल कोर्स और पीजी तीसरे सेमेस्टर, पांचवें और सातवें सेमेस्टर की परीक्षाओं की तिथि भी जारी कर दी गई है। पीजी तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं 18 दिसंबर से होंगी। यह लगातार जनवरी तक चलेंगी। इसके अलावा लॉ की परीक्षाएं भी इसी दौरान होगी। परीक्षाओं का केन्द्र पटना विवि के कॉलेजों में रखा गया है।
इससे पहले बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पटना विश्वविद्यालय में गतिरोध को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप किया था। राज्यपाल ने हड़ताल की वजह से छात्रों को हो रही परेशानी पर चिंता जाहिर की थी। दरअसल इस गतिरोध की वजह से विश्वद्यालय में जहां परीक्षाएं बाधित हो गई थीं तो वहीं करीब एक हफ्ते से अन्य काम भी ठप पड़ गए थे। विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह यहां काम ठप पड़ गए थे। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि गुरुवार को राज्यपाल और कर्मचारी संघ के बीच हुई बातचीत काफी सकारात्मक रही थी। कर्मचारी संघ और विश्वविद्यालय के बीच एक समझौते के बाद हड़ताल खत्म हुआ था और परीक्षा की नई तारीखों के जल्द ऐलान की बात कही गई थी।
गवर्नर राज्य के विश्वविद्यालयों के चांसलर भी हैं। राज्यपाल ने इस बैठक में कर्मचारी संघ के नेताओं और विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों को बैठक में बुलाया था। इनमें विश्वविद्यालय के वीसी एके सिंह भी शामिल हैं। राजभवन में करीब 8 बजे यह बातचीत हुई थी और इस बैठक में छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए आपसी मुद्दों को हल करने पर सकारात्मक बातचीत हुई थी। इसके बाद जो सहमति बनी उसपर एसोसिएशन और विश्वविद्यालय ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यूनिवर्सिटी ने वित्तीय निहितार्थ वाली तीन मांगों के लिए एक महीने का समय मांगा है। हालांकि, इसके लिए राज्य सरकार को पहले ही खत लिखकर संपर्क किया जा चुका है।
राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि चांसलर शैक्षणिक सत्र और विश्वविद्यालय में एग्जाम कैलेंडर को लेकर काफी गंभीर थे। जिस तरह से परीक्षाएं रद्द की गई उसे लेकर चांसलर काफी चिंतित थे। जिसके बाद उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया ताकि मुद्दे को सुलझाया जा सके। राज्यपाल ने कर्मचारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन को यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि किसी भी हालत में अगर छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़े तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा, 'अगर आपकी मांग है तो आप उसपर बातचीत कर सकते हैं, लेकिन इस तरह से सिस्टम को प्रभावित ना करें। अगर आप लोगों से मुद्दा नहीं सुलझ रहा तो मुझसे कहें। अगर आपके बच्चे इसमें शामिल होते तो क्या आप इस तरह से परीक्षा को बाधित करते?'