बिहार में बाढ़ से फसल क्षति पर एक्शन में सरकार, 18 BAO को शोकॉज, लापरवाही का आरोप
बिहार में बाढ़ से फसल क्षति मुआवजा को लेकर किसानों के आवेदन की जांच में देरी के मामले पर पटना समेक 18 जिला कृषि पदाधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। 16 जिलों में फसल क्षति सबसे अधिक है। मुआवजे के लिए 229 करोड़ 29 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
बाढ़ से फसल क्षति मामले में किसानों के आवेदन की जांच में देरी मामले में पटना सहित 18 जिला कृषि पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कृषि विभाग ने कहा है कि बाढ़ से फसल क्षति मुआवजा के लिए काफी संख्या में किसानों के आवेदन आ रहे हैं। लेकिन काफी कम आवेदन का सत्यापन कृषि समन्वयकों द्वारा किया गया है। खगड़िया, पश्चिमी चंपारण, किशनगंज, भागलपुर, दरभंगा, नालंदा, मधुबनी, मधेपुरा, पूर्णिया, पटना, औरंगाबाद, सुपौल, सीतामढ़ी, लखीसराय, शिवहर, शेखपुरा, कटिहार और सहरसा के जिला कृषि पदाधिकारी को कारण बताओ (शोकॉज) नोटिस दिया गया है।
राज्य के कुल 16 जिलों में फसल क्षति सबसे अधिक है। इन 16 जिलों के किसानों को मुआवजा देने के लिए 229 करोड़ 29 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। यह राशि भागलपुर, भोजपुर, गया, पूर्णिया, नालंदा, औरंगाबाद, शेखपुरा, पटना, सारण, बेगूसराय, मुंगेर, कटिहार, समस्तीपुर, वैशाली, खगड़िया और लखीसराय जिले के किसानों को फसल क्षति के लिए दी जाएगी। इन जिलों के किसानों से फसल क्षति के दावे के आवेदन लिये जा रहे हैं। भौतिक सत्यापन के बाद किसानों को मुआवजा राशि मिलेगी.। प्रथम चरण में 1.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षति का अनुमान है।
आपको बता दें इससे पहले कृषि मंत्री मंगल पांडे ने बताया था कि इस साल राज्य में बाढ़ ने 19 जिलों के 92 ब्लॉकों में भारी तबाही मचाई है। बाढ़ से 673 पंचायतों में करीब 2.24 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है, इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
सितंबर महीने में आई बाढ़ ने अकेले गंडक, कोसी और गंगा नदियों के बेसिन में स्थित 16 जिलों के किसानों को प्रभावित किया। बाढ़ के पानी से मिट्टी का कटाव हुआ और खड़ी फसलों के अलावा घरों, सड़कों और पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं 91,817 हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसल के नुकसान का अनुमान 33 फीसदी से अधिक है। सरकार किसानों को हर संभव सहायता करेगी।