बिहार में AI से होगी ग्रामीण सड़कों की देखरेख; 800 करोड़ की होगी बचत, अतिक्रमण पर भी कसेगी लगाम
बिहार की ग्रामीण सड़कों की देखरेख एआई तकनीक से होगी। जिसके जरिए 800 करोड़ की बचत होगी। सड़कों और पुलों का निरीक्षण जीआईएस आधारित प्रणाली से होगी। पिछले दिनों वैशाली जिले की 1000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की निगरानी की गयी
बिहार में अब एआई तकनीक से ग्रामीण सड़कों की देखरेख होगी। इससे सालाना 800 करोड़ की बचत होगी। शुक्रवार को ग्रामीण कार्य विभाग में इस तकनीक को लेकर बैठक हुई। इसमें नयी तकनीक से सड़कों के अतिक्रमण का पता लगाने में भी सफलता मिलेगी। मुख्यालय में एक कंट्रोल कमांड सेंटर बनेगा, जो फील्ड इंजीनियरों के निरीक्षण की निगरानी करेगा। यह कमांड सेंटर मानवीय हस्तक्षेप को कम कर निरीक्षण की गुणवत्ता में सुधार करेगा।
सड़कों और पुलों का निरीक्षण जीआईएस आधारित प्रणाली से होगी। इसमें जूनियर इंजीनियर से लेकर मुख्य अभियंता तक के अधिकारियों की गतिविधियों को डैशबोर्ड पर देखा जा सकेगा। तकनीक यह भी सुनिश्चित करेगी कि सड़कों का निर्माण निर्धारित 3.5/5.5 मीटर चौड़ाई के मानकों से हुआ है या नहीं। दरअसल, पिछले दिनों वैशाली जिले की 1000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की निगरानी की गयी। इसी आधार पर रखरखाव की नयी नीति तैयार की गयी है। जल्द ही यह नीति पूरे बिहार में लागू होगी।
दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि नयी तकनीक बेहद प्रभावी है और बिहार की सड़कों की बेहतर देखभाल और रखरखाव सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे राशि की बचत तो होगी ही, पर्यावरण संतुलन बनाने में भी मददगार होगी।
आपको बता दें बिहार में 3284 किलोमीटर नई ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत इनके निर्माण को मंजूरी मिली है। निर्माण अगले साल मार्च तक पूरा हो जाएगा। ग्रामीण कार्य विभाग ने इसकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली है। निर्माण पर 2955.41 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वित्त विभाग ने भी योजना को हरी झंडी दे दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह राशि खर्च होगी।
दरअसल, राज्य में ग्रामीण यातायात को सुदृढ़ करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। पिछले दिनों विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे करने के बाद इन सड़कों का चयन किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के उद्देश्य से इन योजनाओं को मंजूरी दी गयी है। इससे टोलों को बेहतर संपर्क मिलेगा।
योजना के तहत उन क्षेत्रों का चयन किया गया है, जहां लंबे समय से लोग कच्ची सड़कों से आ-जा रहे हैं। यही नहीं वाहनों को भी लाना-ले जाना संभव नहीं हो पा रहा है। बरसात के समय लोगों की जिंदगी नारकीय हो जाती है। जलजमाव होने से बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं भी हो रही