गांवों में सरकारी सुविधाओं के अभाव पर मुखर हो रहीं महिलाएं
महिलाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा और बाल विवाह जैसी समस्याओं पर खुलकर बात की। गम्हारी गांव की कई महिलाओं ने पेयजल, सड़क और नाले जैसी सुविधाओं की कमी के बारे में भी आवाज उठाई। संवाद कार्यक्रमों...

- शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा और बाल विवाह पर खुलकर रखीं बातें - पेयजल, सड़क और नाला निर्माण की मांग भी कर रहीं महिलाएं हमारे प्रतिनिधि। गांवों में सरकारी सुविधाओं के नहीं पहुंचने की गंभीर समस्या महिला संवाद कार्यक्रमों के दौरान खुलकर सामने आ रही है। महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से चलाए जा रहे संवाद कार्यक्रमों में प्रतिभागी महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा और बाल विवाह जैसी समस्याओं पर खुलकर बोल रही हैं। इसके साथ ही पेयजल, सड़क और नाले जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर भी महिलाओं ने आवाज बुलंद की है। गम्हारी गांव की सोनिया देवी, मीना देवी, चंपा देवी, उषा देवी, गीता देवी, अनिता देवी, दुलारी देवी, गिरजा देवी और उचकागांव के सांखे खास गांव की बैजंती देवी, आशा देवी, विभा देवी सहित कई महिलाओं ने संवाद के मंच से गांवों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने सभी समस्याओं को सूचीबद्ध कर जिला प्रशासन और राज्य सरकार तक भेजने का भरोसा दिलाया। 238 ग्राम संगठनों में हो चुका है संवाद कार्यक्रम जिला परियोजना विभाग (जीविका) के अनुसार, अब तक जिले के 1661 ग्राम संगठन स्तर पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। इनमें 35541 जीविका समूहों से जुड़ी महिलाओं के साथ 3896 अन्य महिलाओं ने भी भाग लिया है। अब तक कुल 39437 महिलाएं संवाद कार्यक्रम में शामिल हो चुकी हैं। दूसरी पाली के संवाद कार्यक्रम 18 अप्रैल से ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी कराए जा रहे हैं। महिलाओं को मिल रही 37 योजनाओं की जानकारी परियोजना विभाग के कर्मी संवाद कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री साइकिल योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना समेत 37 सरकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही पंपलेट और हैंडबिल का वितरण भी किया जा रहा है। वर्जन आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को लेकर चल रहे संवाद कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। महिलाएं निडर होकर मंच से अपनी समस्याओं को रख रही हैं। उपस्थित अधिकारी उनकी समस्याओं को सूचीबद्ध कर प्रतिदिन जिला प्रशासन और सरकार को रिपोर्ट भेज रहे हैं। प्रियंका गुप्ता, परियोजना प्रबंधक (जीविका), गोपालगंज
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