गुड न्यूज! बिहार में खुलेगा कौशल विश्वविद्यालय, यह कोर्स होंगे संचालित; नौकरी के भी अवसर
- वोकेशनल कोर्स संचालित करने वाले कॉलेज और संस्थानों तथा यहां पढ़ाई व प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों का निबंधन भी इसी यूनिवर्सिटी से होगा। कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से बैंचलर ऑफ वोकेशन, मास्टर ऑफ वोकेशन, बेचलर ऑफ स्किल और मास्टर ऑफ स्किल कोर्स संचालित होंगे।
बिहार में कौशल विश्वविद्यालय (स्किल यूनिवर्सिटी) की स्थापना होगी। इसकी तैयारी चल रही है। श्रम संसाधन विभाग इस नये विश्वविद्यालय का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव पर राज्य कैबिनेट की मुहर लगने के बाद यह मूर्त रूप लेगा। कौशल विकास और रोजगार से जुड़े पाठ्यक्रमों का संचालन इसी विश्वविद्यालय के माध्यम से होगा।
वोकेशनल कोर्स संचालित करने वाले कॉलेज और संस्थानों तथा यहां पढ़ाई व प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों का निबंधन भी इसी यूनिवर्सिटी से होगा। कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से बैंचलर ऑफ वोकेशन, मास्टर ऑफ वोकेशन, बेचलर ऑफ स्किल और मास्टर ऑफ स्किल कोर्स संचालित होंगे।
हाल ही में मुख्य सचिव ने श्रम संसाधन विभाग को कौशल विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय की स्थापना संबंधी प्रस्ताव तेजी से तैयार किए जा रहे हैं। फरवरी के आरंभ में अंतिम प्रारूप तैयार हो जाएगा। इसके बाद वित्त विभाग और राज्य पदवर्ग समिति की अनुशंसा लेकर प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजा जाएगा। केंद्र सरकार ने 2015 में सबसे पहले इसकी पहल शुरू की थी।
इन पदों पर होगी बहाली
विश्वविद्यालय में कुलपति, रजिस्ट्रा, विषय विशेषज्ञ, तकनीशियन, लिपिक सहित लगभग 100 पद सृजित होंगे। वोकेशनल कोर्स के छात्र-छात्राोंको इस विश्वविद्यालय के माध्यम से ही सर्टिफिकेट मिलेंगे। सभी वोकशनल कोर्स को इस विश्वविद्यालय से संबद्ध करने से डिग्री संबंधी फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगेगा। कौशल विकास केंद्रों का संचालन भी इसी विश्वविद्यालय के माध्यम से होगा।
10 एकड़ जमीन की दरकार
कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए न्यूनतम 10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। पहली प्राथमिकता पटना के आसपास इन विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आवश्यक जमीन प्राप्त करनी है। पटना के आसपास जमीन नहीं मिलने की स्थिति में ही अन्य जिलों में भी स्थापना पर विचार किया जा सकता है।