पटना जू में आई खुशखबरी, पहली बार 12 भेड़ियों का हुआ जन्म
- जू में पहली बार एक नर और एक मादा मैसूर जू से 2014 में लाया गया था। उसके बाद 2017 और 2018 में एक जोड़ा भेड़िया वेंडालूर जू से लाया गया था। अब जू में भेड़ियों की संख्या 20 हो गई है। किसी भी जू के संचालन में कंजर्वेशन ब्रीडिंग महत्वपूर्ण अंग होता है।
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संजय गांधी जैविक उद्यान में पहली बार 12 भेड़ियों ने जन्म लिया है। इस जानवर की प्रजाति को ग्रे वुल्फ के नाम से जाना जाता है। इन बच्चों को चार अलग-अलग मांओं ने जन्म दिया है। पटना जू में एक समय पर किसी भी वन्यजीवों की ओर से इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को जन्म दिए जाने की यह पहली घटना है।
जू में पहली बार एक नर और एक मादा मैसूर जू से 2014 में लाया गया था। उसके बाद 2017 और 2018 में एक जोड़ा भेड़िया वेंडालूर जू से लाया गया था। अब जू में भेड़ियों की संख्या 20 हो गई है। किसी भी जू के संचालन में कंजर्वेशन ब्रीडिंग महत्वपूर्ण अंग होता है। यह चिड़ियाघर विलुप्तप्राय वन्यजीवों के एक्स सीटू कंजर्वेशन ब्रीडिंग के लिए प्रतिबद्ध है और भेड़िया के 12 बच्चों का जन्म एक्स सीटू कंजर्वेशन बीडिंग कार्यक्रम के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
ये ग्रे भेड़िया विलुप्तप्राय है
संजय गांधी जैविक उद्यान के निदेशक हेमंत पाटिल ने बताया कि बच्चे स्वस्थ हैं। और इन्हें लगभग एक से दो महीने में दर्शकों के सामने लाया जाएगा तब लोग इस देख पायेंगे। ये ग्रे भेड़िया विलुप्तप्राय है और इस प्रजाति को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध किया गया है। गौरतलब है कि ग्रे भेड़िया भारतीय महाद्वीप में पाया जाने वाला भेड़ियों की एक पुरानी प्रजाति है। इस जानवर का जिक्र रुडयार्ड किपलिंग की पुस्तक ‘द जंगल बुक’ में भी है।