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जमीन के जो कागज हैं, अभी दे दें; जो नहीं हैं, इंतजाम करके दे दें; बिहार लैंड सर्वे में और राहत

बिहार भूमि सर्वे में नीतीश सरकार ने रैयतों को बड़ी राहत दी है। अब स्वघोषणा के साथ जमीन के सभी कागजात संलग्न करके देना जरूरी नहीं है। फिलहाल जमीन के जितने कागजात रैयत के पास उपलब्ध हैं, उतने ही संलग्न कर सकते हैं

sandeep हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाThu, 3 April 2025 06:15 PM
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जमीन के जो कागज हैं, अभी दे दें; जो नहीं हैं, इंतजाम करके दे दें; बिहार लैंड सर्वे में और राहत

स्वघोषणा के साथ जमीन के सभी कागजात संलग्न करना जरूरी नहीं है। फिलहाल जमीन के जितने कागजात रैयत के पास उपलब्ध हैं, उतने ही संलग्न करें और बाकी कागजात का इंतजाम किस्तवार एवं खानापूरी के समय तक दें। इस तरह बिहार के जमीन मालिक बेहतर ढंग से भूमि सर्वे में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। ये बातें राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने गुरुवार को भूमि सर्वे की समीक्षा के दौरान कही। स्वघोषणा की तिथि बढ़ाने की संभावना पर भी चर्चा की गई। तिथि बढ़ाने के क्रम में आने वाली तकनीकी और विधिक कठिनाइयों पर भी विचार किया गया।

सर्वे निदेशालय के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि 31 मार्च तक राज्य में कुल एक करोड़ 15 लाख 913 स्वघोषणा प्राप्त हुई है। इसमें रैयतों द्वारा शिविरों में जमा किए गए ऑफलाइन एवं रैयतों द्वारा निदेशालय की वेबसाइट पर जमा किए गए ऑनलाइन, दोनों प्रकार की स्वघोषणा शामिल हैं। इसमें दूसरे चरण में शुरू किए गए 36 जिलों के सभी 445 अंचलों (सर्वे शिविरों) में रैयतों द्वारा जमा की गई स्वघोषणा की संख्या को भी जोड़ा गया है।

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पूर्वी-पश्चिमी चंपारण के 10 अंचल सर्वे में पीछे

कुछ जिलों में स्वघोषणा की संख्या काफी कम देख कर मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को खराब प्रगति वाले जिलों या सर्वे शिविरों को चिह्नित करने के लिए कहा। मंत्री ने चेतावनी दी कि खराब प्रगति वाले शिविरों के कर्मियों ने 15 दिनों में अपना प्रदर्शन नहीं सुधारा तो उन्हें कार्य मुक्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। समीक्षा में पाया गया कि पश्चिम चंपारण जिले के 5 अंचलों बेतिया, पिपरासी, मधुबनी, ठकराहा और भितहा में स्वघोषणा की संख्या सबसे कम है। इसी प्रकार पूर्वी चंपारण जिले के 5 अंचलों पिपराकोठी, तुरकौलिया, बनकटवा, छौड़ादानो और रक्सौल में स्वघोषणा की संख्या काफी कम रही। ये 10 अंचल पूरे बिहार में स्वघोषणा प्राप्त करने में सबसे पीछे रहे। बेतिया सदर में अबतक मात्र 187 स्वघोषणा ही प्राप्त हुई है, जबकि पिपरासी अंचल में प्राप्त स्वघोषणा की संख्या मात्र 524 है।

अररिया पहले, दरभंगा दूसरे नम्बर पर

अररिया सदर अंचल में रैयतों से प्राप्त स्वघोषणा की संख्या एक लाख 36 हजार 777 पहुंच गई है। दूसरे नंबर पर दरभंगा के बिरौल शिविर में कुल एक लाख 14 हजार 67 स्वघोषणा प्राप्त हुई है। दरभंगा का बहेड़ी, कुशेश्वर स्थान, अररिया का जौकी हाट, फारबिसगंज एवं पलासी में भी बड़ी संख्या में रैयतों ने स्वघोषणा जमा किया है। इसी प्रकार समस्तीपुर के कल्याणपुर और औरंगाबाद के नबीनगर सर्वे शिविर की स्थिति भी स्वघोषणा प्राप्त करने के मामले में संतोषप्रद है। मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि सर्वर की खराबी से संबंधित काफी शिकायतें मिल रही हैं। इस कारण से भी भूमि सर्वे में अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है। निदेशालय की आईटी टीम ने बताया कि सभी 9 प्रमंडलों का डाटा अलग करने में समय लगा है, अब तेजी से डाटा आ रहे हैं। आईटी टीम ने उन्हें स्वघोषणा ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को डेमो दिखाया। समीक्षा बैठक में विभाग के सचिव जय सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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