Hindi Newsबिहार न्यूज़Gift of 3 planetariums to Bihar land identified in these districts enjoy the show wearing glasses of 12 thousand

बिहार को 3 तारामंडल का तोहफा, इन जिलों में जमीन चिन्हित; 12 हजार का चश्मा पहन शो का मजा लेंगे दर्शक

  • केंद्रीय मंत्रालय की देखरेख में ही तारामंडल का भवन निर्माण होगा। एक तारामंडल की स्थापना पर लगभग 13 करोड़ राशि खर्च होती है। किसी भी राज्य में तारामंडल की स्थापना के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बराबर राशि खर्च करने का प्रावधान है। अ

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोSat, 18 Jan 2025 11:16 AM
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बिहार के तीन जिलों में तारामंडल जल्द स्थापित होंगे। जमुई, पूर्णिया और मोतिहारी में तारामंडल स्थापना के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। इन तीनों जगह चिह्नित जमीन पर तारामंडल स्थापित करने की कार्रवाई शुरू करने के संबंध में राज्य सरकार ने केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय को पत्र भेज दिया है।

केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय की टीम तीनों जिलों में चिह्नित जमीन का निरीक्षण करने आयेगी। केंद्रीय टीम द्वारा तारामंडल के लिए उपयुक्त जमीन के संबंध में रिपोर्ट देने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी। केंद्रीय मंत्रालय की देखरेख में ही तारामंडल का भवन निर्माण होगा। एक तारामंडल की स्थापना पर लगभग 13 करोड़ राशि खर्च होती है। किसी भी राज्य में तारामंडल की स्थापना के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बराबर राशि खर्च करने का प्रावधान है। अभी राज्य में पटना और दरभंगा में तारामंडल है। पटना में स्थापित तारामंडल में चार थीम पर शो दिखाए जा रहे हैं। दरभंगा तारामंडल के संचालन की जिम्मेदारी वहां के इंजीनियरिंग कॉलेज प्रबंधन को दी गई है।

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प्रत्येक दर्शक को मिलता है 12 हजार रुपए का थ्री डी चश्मा : अत्याधुनिक प्रोजेक्टर और सुपर कम्प्यूटर के माध्यम से तारामंडल में शो चलते हैं। लेजर के माध्यम से थ्री डी पिक्चर दिखाया जाता है। थ्री डी पिक्चर देखने के लिए दर्शकों को थ्री डी चश्मा दिया जाता है। एक चश्मे की कीमत 12 हजार रुपए हैं। चश्मा को क्षति पहुंचाने पर दर्शक से 4 हजार रुपए जुर्माना का भी प्रावधान है। शो समाप्त होने के बाद प्रत्येक चश्मा को स्ट्रलाइज किया जाता है।

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पटना तारामंडल में ये शो दिखाए जाते हैं

1. द वॉयजर : द वॉयजर 26 मिनट का शो है। इसमें सभी 9 ग्रहों के साथ ही विभिन्न उपग्रहों की जानकारी दी जाती है। यह नासा के वॉयजर मिशन पर भी आधारित है।

2. दूसरा एस्टेरॉइड : एस्टेरॉइड शो में आकाशीय मंडल की जानकारी दी जाती है। विभिन्न ग्रहों के बीच घूमते बड़े-बड़े चट्टान के बारे में बताया जाता है। करोड़ों चट्टानों में कुछ पांच किलोमीटर तक लंबे और बड़े चट्टान भी मौजूद हैं। ऐसे चट्टान को पृथ्वी पर गिरने से कैसे रोका जा सकता है। अन्य ग्रहों पर खनिज पदार्थों की उपलब्धता के संबंध में भी जानकारी है।

3. वी आर स्टार्स : वीआर स्टार्स में सोलर सिस्टम यानी सूर्य, चंद्रमा और और अन्य सौरमंडल की जानकारी दी जाती है।

4. चौथा लाइफ ऑफ ट्री : लाइफ ऑफ ट्री शो 33 मिनट का है। इसमें पृथ्वी पर पेड़ और पर्यावरण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दिखाई जाती हैं। मनुष्य के अस्तित्व पर पर्यावरण के प्रभाव की भी जानकारी दी जाती है।

सभी जिलों में तारामंडल

राज्य के सभी जिलों में तारामंडल स्थापित करने का लक्ष्य है। अभी जमुई, पूर्णिया और पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में तारामंडल के लिए जमीन चिह्नित हो गई है। जल्द यहां तारामंडल स्थापित होंगे। तारामंडल के माध्यम से बच्चों और लोगों को सौरमंडल से संबंधित विशेष जानकारी मिलेगी। - सुमित कुमार सिंह, विज्ञान प्रौद्योगिकी व तकनीकी शिक्षा मंत्री

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