ओबीसी महासभा में दलित, पिछड़ा और शोषितों से एकजुट होने का आह्वान
-गया संग्रहालय में आयोजित हुआ विशाल सामाजिक न्याय सम्मेलन सह बहुजन संवाद कार्यक्रम
गया संग्रहालय में रविवार को ओबीसी महासभा के बैनर तले सामाजिक न्याय सम्मेलन सह बहुजन संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र गोप ने की। मंच का संचालन युवा नेता डीके डाडेल ने किया। जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि अजय डांगी कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए देश में व्याप्त कॉलेजियम व्यवस्था की भूमिका पर चर्चा की। दलित पिछड़ा शोषित वंचित को मुखर होकर कॉलेजियम व्यवस्था की पुरानी व्यवस्था को समाप्त करने का आह्वान किया। प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक आजाद और रिंकू यादव ने कहा कि सदियों से शोषित वंचित और एससी एसटी ओबीसी के लोगों के साथ सिर्फ छलावा किया गया है। गौतम प्रीतम ने कहा कि संघर्ष जारी रहेगा जब तक की न्यायिक आयोग का गठन नहीं हो जाता है।
बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि राजनीतिक और सामाजिक शैक्षणिक रूप से तब तक हम लोग एकजुट नहीं होंगे। जब तक शैक्षणिक और राजनीतिक रूप से एक नहीं होते हैं। इसके लिए जरूरत है कि रूढ़िवाद और अंधविश्वास से हम लोग को नाता तोड़ना होगा। पूर्व सांसद अनवर अली ने कहा कि सदियों से पसमांदा मुसलमानों को अलग कर कर एक बड़े तब को हास्य पर रखने की कोशिश जारी है। हमलोगों को यह समझना पड़ेगा कि हमें इससे कैसे निकालना है। सभी एससी, एसटी, ओबीसी और पिछड़ा वर्ग के लोग एक साथ आकर राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करें।
मखदुमपुर के विधायक सतीश दास ने कहा कि पिछड़ा बिहार के तर्ज पर देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. लक्ष्मण यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार शैक्षणिक व्यवस्था पर कुठाराघात कर एससी, एसटी, ओबीसी के बच्चों को उसे शिक्षा से वंचित करने की साजिश रच रही है। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को व्यापारिक व संघ के शिक्षा को छात्रों और प्रोफेसर पर जबरदस्ती थोपने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा देश में कॉलेजियम सिस्टम के द्वारा देश में 200 परिवारों के बीच के ही जज बन रहे हैं। हमारी मांग है कि जब तक न्यायिक आयोग का गठन नहीं हो जाता और पूरे भारत में जाति का जनगणना नहीं हो जाता है तब तक हम इस लड़ाई को जारी रखेंगे।
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