पूर्व MLC आजाद गांधी का आरजेडी से इस्तीफा, बोले- लालू बीमार रहते हैं, तेजस्वी इंतजार कराते हैं
आरजेडी के वरिष्ठ नेता आजाद गांधी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दावा किया कि आरजेडी की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। जल्द ही पार्टी 2010 की स्थिति में पहुंच जाएगी।
पूर्व एमएलसी आजाद गांधी ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से इस्तीफा दे दिया है। आरजेडी छोड़ते हुए उन्होंने पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से लेकर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह तक गंभीर आरोप लगाए। आजाद गांधी ने कहा कि लालू अक्सर बीमार रहते हैं, जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मिलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जगदानंद सिंह ऐसे प्रदेश अध्यक्ष हैं जो अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकलते हैं।
बिहार विधान परिषद की पटना स्नातक सीट से एमएलसी रह चुके आजाद गांधी ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। सोमवार को कर्पूरी ठाकुर बैंक्वेट हॉल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा दिए जाने की घोषणा की। आजाद गांधी आरजेडी के पुराने नेताओं में से एक रहे हैं। वे अति पिछड़ा समाज के तहत नाई जाति से संबंध रखते हैं। वे पूर्व में आरजेडी के प्रदेश महासचिव एवं अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन दिनों संगठन में उपेक्षित चल रहे थे। वे राष्ट्रीय नाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। यह संगठन 18 राज्यों में संचालित है
आजाद गांधी ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद आरजेडी की मौजूदा स्थिति की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह पहली पार्टी है जिसके प्रदेश अध्यक्ष कभी अपने कार्यालय कक्ष से बाहर नहीं गए। प्रदेश अध्यक्ष की सक्रियता के बिना पार्टी चलती है। नेता प्रतिपक्ष को राज्य के बाहर के लोग घेरे हुए रहते हैं। उनसे मिलने के लिए चार-चार घंटे इंतजार करना पड़ता है। पार्टी में अति पिछड़ों को अपमानित किया जाता है।
उन्होंने दावा किया कि आरजेडी की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यह परिवारवाद की पार्टी बन चुकी है। कपड़ा, सोने का ब्रेसलेट और हार देख कर लोगों से तेजस्वी मिलते हैं। आजाद ने कहा कि उन्होंने पार्टी में घुटन एवं अति पिछड़ों की उपेक्षा से इस्तीफा दिया है। आरजेडी जल्द ही 2010 के पूर्व की स्थिति में आ जाएगी।