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Hindi Newsबिहार न्यूज़Former minister Devendra Yadav joins Jansuraj Prashant Kishore joins Attacked Lalu without naming him

पूर्व मंत्री देवेंद्र यादव का प्रशांत किशोर के साथ नई पारी का आगाज; जनसुराज में शामिल, बिना नाम लिए लालू पर बरसे

पू्र्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने जनसुराज का दामन थाम लिया है। इस दौरान प्रशांत किशोर ने ज्वाइनिंग कराई। इस मौके पर देवेंद्र यादव ने कहा कि कुछ लोग ए टू जेड की बात करते हैं, लेकिन सिर्फ परिवार की राजनीति करते हैं।

sandeep हिन्दुस्तान, पटना, हिन्दुस्तानTue, 27 Aug 2024 09:28 AM
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आरजेडी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव ने आज जनसुराज का दामन थाम लिया। प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पटना के ज्ञान भवन में 'समाजवादी समागम' के दौरान पार्टी में शामिल हुए। देवेंद्र प्रसाद का पीके के साथ नई सियासी पारी का आगाज किया है। इस मौके पर उन्होने राजद चीफ लालू यादव का बिना नाम लिए निशाना साधा। देवेंद्र यादव ने कहा कि कुछ लोग ए टू जेड की बात करते हैं, लेकिन परिवार और जाति की राजनीति से कभी बाहर नहीं निकल सके।

पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद ने कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन तो होता रहा, लेकिन व्यवस्था परिवर्तन नहीं हो पाया। जीडीपी ग्रोथ के नाम पर आम लोगों के साथ छल किया जाता रहा है। दलित, अति पिछड़े, पिछड़े वर्गों का कोई विकास नहीं हुआ और उनके जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया। बिहार के बदलाव के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, सिर्फ महापुरुषों का नाम वोट के लिए इस्तेमाल होता रहा है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जनसुराज गरीबों को जगाने का प्रयास कर रहा है और प्रशांत किशोर वंचितों शोषितों और महिलाओं की आवाज बन रहे हैं। इसीलिए वे जनसुराज के अभियान में शामिल होकर बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए काम करेंगे।

देवेंद्र यादव का छलका दर्द

इस दौरान पूर्व मंत्री देवेंद्र यादव का दर्द भी छलक पड़ा। उन्होने कहा कि वो 1977 में विधायक बने और कर्पूरी ठाकुर के लिए विधायक पद से इस्तीफा देकर सीट खाली की। यही नहीं 1996 में केंद्रीय मंत्री बने और गरीबों के लिए 2 रुपये गेहूं और 3 रुपये चावल की योजना लाए, लेकिन इस योजना का प्रचार प्रसार बिहार में नहीं होने दिया गया। एक राजनीतिक षड़यंत्र के तहत इसका श्रेय मुझे नहीं लेने दिया गया।

मैंने 1996 में प्रधानमंत्री पद के लिए मुलायम सिंह यादव का समर्थन किया तो लालू प्रसाद भड़क गए और उन्होंने मुझे इसके लिए कोसा भी। इसके ठीक 1 साल के बाद मुझे केंद्रीय मंत्री पद से हटा दिया गया। मैं झोपड़ी में रह सकता हूं लेकिन जमीर से समझौता नहीं कर सकता। देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि बिहार में समाजवाद को अपहृत कर लिया गया है। और समाजवादियों को हाशिये पर धकेल दिया गया है। हम उसे मुक्त करवाएंगे और नया बिहार बनाने में उस ताकत का इस्तेमाल करेंगे।

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100-100 रूपए चंदा लेकर लड़ेंगे चुनाव

वहीं इस मौके पर जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि वह विधानसभा का चुनाव बिहार की जनता की ताकत पर लड़ेंगे और यहां दो करोड़ लोगों से 100-100 रूपए चंदा लेंगे। उन्होंने जनसुराज से चुनाव लड़ने वालों को आश्वत किया कि कि उन्हें संसाधन या पैसों की कमी नहीं होने दी जाएगी। उनके सामने कोई भी माफिया, भू-माफिया, शराब माफिया हो, तो उनसे डरने की जरूरत नहीं है। जनसुराज उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगा।

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक गुजरात, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र से लोग बिहार में रोजगार की तलाश में नहीं आएंगे, तब तक बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का सपना पूरा नहीं होगा। ऐसा होगा तब ही जेपी लोहिया का सपना भी पूरा होगा। हम चाहते हैं कि बिहार का कोई बच्चा पढ़ने या रोजगार के लिए बाहर नहीं जाए बल्कि बाहर के बच्चे पढ़ने और रोजगार के लिए बिहार आए

पत्रकारों से बातचीत में उन्होने कहा कि बिहार में व्यवस्था परिवर्तन होने तक वे यही रहेंगे और बिहार से बाहर कहीं नहीं जाएंगे। विकल्प के अभाव में बिहार के लोग राजनीतिक बंधुआ मजदूर बनकर रह गए हैं। लेकिन अब वे भी विकल्प के लिए खड़ा हो रहे हैं। वो भी जनसुराज के नेता नहीं है बल्कि एक सहयोगी के रूप में जुड़ रहे हैं।

आपको बता देवेंद्र प्रसाद यादव झंझारपुर से 5 बार सांसद रह चुके हैं। इससे पहले जेडीयू, आरजेडी में रहे, और अब जनसुराज में शामिल हो गए हैं। 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर जनसुराज के पार्टी बनने की घोषणा करेंगे।

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