Bihar Flood: भागलपुर में एनएच 80 का डायवर्सन फिर बहा, नालंदा में जिरायन नदी का टूटा तटबंध
रविवार को शाम 5 बजे भागलपुर में गंगा का जलस्तर 33.70 मीटर दर्ज किया गया। जबकि कहलगांव में 32.04 मीटर दर्ज हुआ। भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से दो सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, लेकिन कहलगांव में 93 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सोमवार को वृद्धि जारी रहने की संभावना जल संसाधन विभाग ने जताई है।
बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कई जिले इसकी चपेट में हैं।भागलपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। रविवार को सबौर इलाके में पानी का दबाव इतना बढ़ा कि एक दिन पहले एनएच 80 का दुरुस्त कराया गया डाइवर्जन फिर बह गया। इसमें लगाया गया ह्यूम पाइप पानी के दबाव के कारण बाहर निकल गया और हालात बेकाबू होता देख तुरंत वहां आवाजाही पर रोक लगा दी गई। इधर, कहलगांव-पीरपैंती के तौफिल दियारा में पानी नए इलाकों में भर रहा है और लोगों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं इस्माइलपुर-गोपालपुर इलाके में गंगा के पानी का दबाव इतना बढ़ रहा है कि अब 14 नंबर रोड कटने का खतरा हो गया है। प्रशासन की टीम बचाव के लिए भंवरा खोलना चाह रही है, लेकिन ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।
रविवार को शाम 5 बजे भागलपुर में गंगा का जलस्तर 33.70 मीटर दर्ज किया गया। जबकि कहलगांव में 32.04 मीटर दर्ज हुआ। भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से दो सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, लेकिन कहलगांव में 93 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने बताया कि सोमवार को वृद्धि जारी रहेगी लेकिन रफ्तार में आंशिक बढोतरी ही होगी। वहीं नगवछिया के इधर बांध का कटाव होने के कारण वहां पानी का दबाव ज्यादा हो गया है। अब 14 नंबर रोड पर भी खतरा बन गया है। पूरा प्रशासनिक अमला इस कोशिश में लगा है कि किसी तरह 14 नंबर रोड को बचाया जा सके। एनएच के बाद इस इलाके में 14 नंबर रोड ही लाइफलाइन मानी जाती है। कई प्रखंडों के लोगों का इस होकर आना-जाना है।
नालंदा में जिरायन नदी का तटबंध टूटा
शनिवार को पंचाने नदी के उफान में जिला मुख्यालय के नीचले इलाके के 10 मोहल्लों में बाढ़ का कहर बरपा था। प्रभावित लोग इससे उबर भी नहीं पाये थे कि रविवार की सुबह में जिरायन का तटबंध टूटने से अस्थावां के अंदी गांव के खंधा जलमग्न हो गया। 500 बीघे में लगी खरीफ की फसलें जलजमाधि ले ली। बाढ़ की त्रासदी झेल रहे अंदी के गांव के लोगों का कहना है कि शनिवार की शाम से ही तटबंध में पानी का रिसाव हो रहा था। सूचना के बाद जिला प्रशासन के प्रखंडस्तरीय और बाढ़ नियंत्रण के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे थे। लेकिन, रिसाव को रोकने की कारगर पहल नहीं हुई। नतीजा, सुबह होते-होते तटबंध में 20 फीट से अधिक कटाव हो गया।
किसानों का कहना है कि हाकिमों की अनदेखी की मार भोले भाले ग्रामीणों पर पड़ रही है। चिंता यह भी कि जल्द पानी नहीं निकला तो फसलें बर्बाद हो जाएंगी। मेहनत के सारी पूंजी डूब जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि अंदी गांव के पुरबारी फतहा खंधा में जिराइन नदी पर तटबंध टूटने से फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। सीओ रवीन्द्र कुमार चौपाल तथा बाढ़ नियंत्रण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सतीष कुमार ने बताया कि जिरायन नदी का जलस्तर घटा है। अंदी के पास टूटे तटबंध की मरम्मत युद्ध स्तर पर करायी जा रही है।
हरनौत के पोवारी के पास तटबंध में कटाव
पंचाने नदी के तेज बहाव के कारण हरनौत के पवारी के पास तटबंध में कटाव हो गया। हालांकि, सूचना के बाद बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा टूटे तटबंध की मरम्मत करायी गयी है। इससे खेतों में लगीं फसलें डूबने से बच गयी। किसानों का कहना है कि तटबंध की मरम्मत न होती तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ता।
जमसारी गांव जाने वाली सड़क क्षतिग्रस्त
जिराइन नदी के जलस्तर बढ़ोतरी और पानी के तेज बहाव की वजह से बिंद थाना क्षेत्र के जिराइन ढाई पीपल होते हुए उतरथु, बरहोग और जमसारी गांव जाने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हो गयी है। सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण इन गांवों में रहने वाले लोगों का आवागमन ठप हो गया है। प्रभावित गांवों के लोगों वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
थोड़ा और बढ़ेगा जलस्तर तो तबाही मचनी तय
ग्रामीणों ने बताया कि जब-जब पंचाने नदी में पानी आता है, तब-तब रहुई इलाके में तबाही मचती है। हालांकि, इस साल कम पानी आने की वजह से किसानों को फायदा होगा। लेकिन, इतासंग, डीहरा, रहीमपुर, दुलचंदपुर व मई गांव के पुल के पास काफी दूर तक नदी में जलकुंभियां फैली हुई हैं। हालांकि, कई जगहों पर जलकुंभियों को निकालने की खानापूर्ति की गयी है। जलकुंभियां पानी के बहाव को रोकने में बाधा बन सकता है। जलकुंभियों की सफाई नहीं करायी गयी और नदी का जलस्तर दो फीट बढ़ा तो तबाही मचनी तय है।
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