बिहार में बाढ़ ने तटबंधों को पहुंचाया भारी नुकसान, 512 करोड़ बह गए, जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में खुलासा
बिहार में आई बाढ़ ने तटबंधों को भारी नुकसान पहुंचाया है। 118 किमी तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ ने जल संसाधन विभाग के 512 करोड़ रुपए डुबो दिए हैं। पटना में 16, मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र में सात के अलावा वीरपुर और कटिहार प्रक्षेत्र में एक-एक तटबंध क्षतिग्रस्त हुए।
बाढ़ ने राज्य में नदियों के करीब 118 किलोमीटर तटबंधों को भारी क्षति पहुंचायी है। नदियों के तटबंधों को कई जगह तोड़ने और क्षतिग्रस्त करने के साथ ही उन पर बनी संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचाया है। इसका खुलासा जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। विभाग ने पिछले दिनों अपने क्षेत्रीय अधिकारियों और संबंधित अभियंताओं से इसकी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें उन्हें क्षतिग्रस्त तटबंधों की विस्तृत जानकारी देनी थी। साथ ही उसमें कितनी क्षति हुई है, यह भी बताना था। क्षेत्रीय अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ ने जल संसाधन विभाग के 512 करोड़ डूबो दिये। इसमें बड़ी नदियों पर बने तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने के साथ जमींदारी बांध भी टूटे हैं।
विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य अभियंता प्रक्षेत्र पटना में 16, मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र में सात के अलावा वीरपुर और कटिहार प्रक्षेत्र में एक-एक तटबंध क्षतिग्रस्त हुए। इनमें कई स्थानों पर टूटान स्थल पर पानी की गहराई 11 मीटर तक मापी गयी। हालांकि सामान्य स्थिति में तीन से छह तक ही पानी की गहराई होती है। इस समय कई नदियों का तल गाद के कारण ऊपर आ गया है। इस समस्या से लगभग सारी नदियां जूझ रही हैं। इसके कारण नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया। इससे तटबंधों पर भी भारी दबाव पैदा हुआ। कम पानी में भी पानी तटबंधों के ऊपर पहुंच गयी। 118 किमी क्षतिग्रस्त तटबंध के पुनर्निमाण में 345.30 करोड़ की जरूरत है, 29 किमी के जमींदारी बांध के पुनर्निमाण में 62.57 करोड़ की आवश्यकता है।
बागमती सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड में मधकौल गांव के निकट 150 मीटर
बागमती सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड में सौली गांव के निकट 140 मीटर
बागमती सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर प्रखंड में नुनौरा गांव के निकट 110 मीटर
बागमती सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर प्रखंड में तिलकताजपुर गांव के निकट 90 मीटर
बागमती शिवहर के तरियानी प्रखंड के निकट 50 मीटर
क्यों टूटे तटबंध?
नेपाल और दूसरे राज्यों यूपी, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड में हुई बारिश के कारण सूबे की नदियों में अचानक उफान आ गया। कोसी में 56 वर्ष तो गंडक में 21 वर्षों के बाद इतना पानी आया। इस कारण कोसी के वीरपुर बराज पर पानी ओवरटॉप कर गया। गंडक के वाल्मीकिनगर बराज पर भी दबाव था। इसके बाद दोनों बराज के सभी गेट खोल दिये गए। इससे नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। उधर, नेपाल से आने वाली अन्य नदियों में एक साथ भारी मात्रा में पानी आने से अचानक दो दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गईं।
इससे तटबंधों पर भारी दबाव पैदा हो गया। खासकर बागमती, गंडक, कोसी नदियों में भारी उफान आ गया। बागमती ने नेपाल से सटे जिला सीतामढ़ी में प्रवेश करते ही भारी तबाही मचायी और कई स्थानों पर तटबंधों को भारी नुकसान पहुंचाया। तटबंध डेढ़-डेढ़ किलोमीटर तक टूट गए। यही नहीं, 10-15 किलोमीटर के क्षेत्र में तो पानी तटबंध के ऊपर से बहने लगे। इससे भी तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ।