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बिहार में पहली बार डीआईजी, आईजी अधिकारियों को मिला जिलों का प्रभार, थाने की रिपोर्ट करेंगे तैयार

  • बिहार में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई है। मंत्री और सचिव या उससे उपर स्तर के अधिकारियों को जिलों का प्रभारी बनाये जाने की व्यवस्था पहले से है। इसी तर्ज पर बिहार में पहली बार पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को जिलों का प्रभार सौंपने की अपनी तरह की पहल की गई है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाThu, 16 Jan 2025 05:51 AM
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बिहार में अब प्रत्येक जिले के लिए एक-एक प्रभारी आईपीएस अधिकारी भी होंगे। राज्य पुलिस मुख्यालय में तैनात डीआईजी, आईजी से लेकर एडीजी रैंक के अधिकारियों को अलग-अलग जिले का प्रभार सौंपा गया है। ये अधिकारी अपने-अपने प्रभार वाले जिलों का सप्ताह में दो दिन (बुधवार एवं गुरुवार) को दौरा करेंगे और इसकी पूरी रिपोर्ट सीधे डीजीपी को सौंपेंगे। इससे संबंधित आदेश डीजीपी विनय कुमार ने बुधवार को जारी किया।

बिहार में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई है। मंत्री और सचिव या उससे उपर स्तर के अधिकारियों को जिलों का प्रभारी बनाये जाने की व्यवस्था पहले से है। इसी तर्ज पर बिहार में पहली बार पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को जिलों का प्रभार सौंपने की अपनी तरह की पहल की गई है।

प्राप्त सूचना के अनुसार, एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन को पटना जिला, डीआईजी हरप्रीत कौर को कैमूर, ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो को रोहतास जिला का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी तरह अन्य जिलों का प्रभार भी अन्य अधिकारियों को दिया गया है।

19 बिन्दुओं पर करेंगे समीक्षा

इन आईपीएस अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में जाकर थाना से लेकर जिला स्तर की पुलिसिंग की समीक्षा करनी होगी। इन्हें मुख्य रूप से 19 बिन्दुओं पर समीक्षा करते हुए अपनी रिपोर्ट डीजीपी को देनी है। इसके आधार पर संबंधित पदाधिकारियों पर आगे की कार्रवाई होगी। ये अधिकारी संबंधित जिलों में अपराध की स्थिति, पुलिस पदाधिकारियों के कार्यों का प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे।

कुंदन कृष्णन को पटना का प्रभार

एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन को पटना का नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रभारी अफसर अत्यधिक अपराधों वाले थानों की समीक्षा कर कारणों की तलाश, जिला स्तर पर लंबित मामलों की स्थिति, कुख्यात या टॉप-10 अपराधियों की सूची में गिरफ्तार हुए अपराधियों का आंकड़ा, नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सल विरोधी कार्यों की समीक्षा कर कार्रवाई की स्थिति समेत ऐसे अन्य सभी बिन्दुओं पर समीक्षा करके रिपोर्ट तैयार करेंगे। ये अधिकारी अपने प्रभारी वाले जिले की समुचित पुलिसिंग और अपराध नियंत्रण की स्थिति की मॉनीटरिंग भी करेंगे।

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