फेक साइट, फर्जी खाता और पौने दो करोड़ की ठगी; रेलवे में नौकरी के नाम पर 26 को चूना लगा
- इस मामले में यूपी के अंबेदकर नगर के रहने वाले अरविन्द कुमार और वहीं के कोशांबी के अविनाश कुमार ने बताया कि रेलवे में बुकिंग क्लर्क, टीटीई, ट्रैक मैन, आरपीएफ, एफसीआई आदि विभागों में नौकरी दिलाने के लिए 1 करोड़ 84 करोड़ रुपये वसूल कर लिया।

रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने के मामले में चौंकाने वाला मामला सामने आया। छपरा सीजीएम कोर्ट और सोनपुर जीआरपी के समक्ष फर्जी बहाली मामले के दो पीड़ितों ने 26 लोगों से वसूल कर लगभग 1 करोड़ 84 लाख रुपये इसके सरगना को देने की बात कबूली है। फर्जी कंपनी व वेबसाइट बना कर रेलवे की नौकरी देने वाले इस गिरोह के बारे में यूपी के दोनों पीड़ितों ने कई खुलासे किए हैं।
इस घटनाक्रम के बाद फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह का धीरे- धीरे परत दर परत मामला सामने आ रहा है। इस मामले में यूपी के अंबेदकर नगर के रहने वाले अरविन्द कुमार और वहीं के कोशांबी के अविनाश कुमार ने बताया कि रेलवे में बुकिंग क्लर्क, टीटीई, ट्रैक मैन, आरपीएफ, एफसीआई आदि विभागों में नौकरी दिलाने के लिए उनलोगों ने अपने 26 रिश्तेदारों, परिचितों और ग्रामीणों से 1 करोड़ 84 करोड़ रुपये वसूल कर हाजीपुर जेल में बंद मुख्य साजिशकर्ता पश्चिम चंपारण के दीपक तिवारी के माध्यम से गुजरात के राजकोट की चैंपियन सॉफ्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता की साई इंटरप्राईजेज कंपनी, मुजफ्फरपुर की ट्रेजरी ऑफिस आरओ की कंपनी में रुपये जमा कराए हैं। इस कंपनी का प्रॉपराइटर राजेन्द्र तिवारी पहले लिट्टी- चोखा की दुकान चलाता था।
इन कंपनियों का अकाउंट नंबर दीपक तिवारी ने दिया था। इस कंपनी के माध्यम से ही रेलवे में फर्जी ढंग से बहाल कर्मचारियों को वेतन दिए जाते थे। गुजरात के राजकोट की चैंपियन सॉफ्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड का 55 लाख रुपये, कोलकाता की साई इंटरप्राईजेज कंपनी को 05 लाख रुपये, दीपक तिवारी के खाते के 10 लाख रुपये तत्काल फ्रीज किए गए हैं। रेल डीएसपी ने बताया कि फर्जीवाड़ा करने वालों की संपत्ति जब्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय को भेजा गया है। फर्जी बहाली की जांच आर्थिक अपराध इकाई ने भी शुरू कर दी है।
एप के माध्यम से करता था रुपये का लेनदेन
रेल थाना सोनपुर और आरपएफ क्राइम ब्रांच की तफ्तीश के दौरान रुपये के लेनदेन के कई साक्ष्य मिले हैं। बताया गया है कि एप के माध्यम से रुपए का लेनदेन होता था। इसके लिए चैंपियन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी लिमिटेड के अंतर्गत मास्टर पे एप का इस्तेमाल किया जाता था। रेल थाना सोनपुर ने जांच के दौरान कोलकाता स्थित चैंपियन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी लिमिटेड के बैंक खाते को फ्रिज कराया है। इसमें करीब 55 लाख से अधिक रुपये हैं।
वहीं गुजरात स्थित एक बैंक में साईं इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाता को फ्रिज कराया है। इसमें करीब पांच लाख से अधिक रुपये हैं। इससे पूर्व मुजफ्फरपुर में कंपनीबाग रोड स्थित एक निजी बैंक में खाता फ्रिज कराया था। इधर, गुरुवार को आयकर विभाग के एक इंस्पेक्टर ने रेल थाना सोनपुर के थानेदार धर्मेंद्र कुमार से फर्जीवाड़ा से संबंधित पूरे कागजात लिये हैं। बताया कि वे लोग भी अपने स्तर से जांच शुरू कर दिये हैं