बिहार के मखाना की बेंगलुरु में धूम, जुड़ेंगे 50 हजार किसान, जीआई टैग के बाद एचएस कोड की मांग
बिहार का मखाना विश्वभर में लोकप्रिय है। इसकी मांग दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। इस बीच राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मखाना की खेती से 50 हजार किसानों को सरकार जोड़ेगी। मखाना को जीआई टैग मिल गया है।
बिहार के मिथिला क्षेत्र में उपजने वाला मखाना विश्वभर में लोकप्रिय है। इसकी मांग दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। इस बीच राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मखाना की खेती से 50 हजार किसानों को सरकार जोड़ेगी। मखाना को जीआई टैग मिल गया है और बिहार सरकार मखाने की खेती और प्रोसेसिंग से जुड़े लोगों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ दिलाने के लिए तत्पर है। बिहार सरकार ने मखाना बोर्ड बनाने और इसे एचएस कोड दिलाने की मांग तेज हो गई है।
बेंगलुरु में शुक्रवार को कृषि विभाग की ओर से दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने किया। इस कार्यक्रम में बिहार से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने की। समारोह में बिहार की इस फसल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने को लेकर वृहत चर्चा हुई।
इस मौके कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि उत्पादन के दृष्टिकोण से स्थानीय बाजार की तुलना में राष्ट्रीय बाजारों में मखाना की कीमत लगभग दोगुनी है। एक जिला-एक उत्पाद के तहत छह जिलों यथा दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, कटिहार एवं अररिया में मखाना उत्पाद नामित है। राज्य सरकार के द्वारा मखाना विकास योजना का संचालन 2019-20 से किया जा रहा है बिहार सरकार ने मखाना के लिए एमएसपी, मखाना बोर्ड की स्थापना एवं मखाना के लिए एचएस कोड की मांग की है। जल्द ही मखाना को यह दर्जा भी मिल जाएगा।