भीषण गर्मी से जनजीवन बेपटरी दोपहर में सूनी पड़ जाती हैं सड़कें
दरभंगा और सिंहवाड़ा में भीषण गर्मी ने जनजीवन को प्रभावित किया है। तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे लोग घर से बाहर निकलने में परेशानी का सामना कर रहे हैं। सड़कों पर सन्नाटा है और पानी की...

दरभंगा/सिंहवाड़ा। भीषण गर्मी से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सुबह 10 बजे के बाद ही घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। बदन झुलसाने वाली धूप के कारण एनएच 27 समेत अन्य सड़कों पर दोपहर में सन्नाटा पसर जाता है। रविवार को अधिकतम तापमान 38 और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस दौरान कुछ देर के लिए बादलों की आवाजाही से लोगों को लगा कि कुछ राहत मिलने वाली है, पर फिर से तेज धूप ने लोगों को बेचैन कर दिया। आलम यह था कि लोगों को घर में भी पंखे के नीचे राहत नहीं मिल रही थी।
भीषण गर्मी से बचने के लिए लोगों को एसी-कूलर का सहारा लेना पड़ा। वहीं, कामकाजी लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। विशेषज्ञों ने शुक्रवार तक ऐसी ही स्थिति रहने की आशंका जतायी है। चिलचिलाती धूप एवं बढ़ रही तपिश के कारण सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार भी कम होने लगी है। दोपहर के समय सड़कें सूनी हो रही हैं। सबसे खराब स्थिति शोभन-एकमी बाईपास पर देखी जा रही है। यहां दोपहर के समय सन्नाटा पसर रहा है। लगभग 10 किलोमीटर की लम्बाई में सुनसान जगह पर बनी बाईपास सड़क पर नो तो कहीं छाया की व्यवस्था है और न ही मुसाफिरों के लिए प्यास बुझाने की व्यवस्था। दुर्घटना या मूर्छा आने की स्थिति में मुसाफिरों को प्यास बुझाने को पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। उधर, दरभंगा-मुजफ्फरपुर उच्च पथ 27 पर तेज गर्मी के बीच सफर करना और कठिन हो गया है। मब्बी से लेकर मुजफ्फरपुर की सीमा तक इस सड़क के किनारे ढूंढने से भी एक भी चापाकल दिखाई नहीं दे रहा है। एनएच किनारे बसे गांवों में लगी-जल नल योजना की टोटिंया भी बेकार पड़ी हैं। शोभन चौक के पास निजी तौर पर आरओ लगाकर एक जगह सड़क किनारे पेयजल की व्यवस्था की गई है। वहां प्यास बुझाने के लिए मुसाफिरों की लाइन लगी रहती है। दरभंगा-मुजफ्फरपुर उच्च पथ किनारे पेड़ों की कमी के कारण धूप में सिर छुपाने की भी जगह नहीं मिलती। ऐसी स्थिति में पेयजल उपलब्ध नहीं होने के कारण यात्रियों की परेशानी और बढ़ जाती है। इसी प्रकार अतरबेल-भरवाड़ा, मब्बी-कमतौल एसएच व अतरबेल-बिशनपुर मुख्य पथ के किनारे जहां-तहां पेड़ होने से सिर छुपाने के लिए राहगीरों को सहारा तो मिल जाता है, पर इन सड़कों के किनारे भी चापाकल एवं पेयजल के अन्य साधन ढूंढना आसान नहीं है। इन सड़कों के किनारे भी जल-नल योजना की सूखी टोटिंयां राहगीरों के लिए परेशानी खड़ी कर रही हैं। एनएच पर बाइक से मुजफ्फरपुर की ओर जा रहे राहगीर राजेश साह, सुरेंद्र पासवान, मनोज झा, मो. फूल बाबू आदि ने बताया कि प्यास बुझाने के लिए मब्बी से ही एनएच किनारे चापाकल ढूंढते आ रहा हूं। मुजफ्फरपुर की सीमा के पास अतरबेल पहुंचने वाला हूं, लेकिन कहीं चापाकल या पेयजल का अन्य साधन नहीं मिल पाया। ग्रामीणों ने बताया कि भीषण गर्मी में सबसे अधिक मुसीबत बाइक सवारों को झेलनी पड़ रही है।
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