IOCL के पूर्व जीएम साइबर ठगी के शिकार, एफडी तुड़वाकर ऐसे झटक लिए 65 लाख
शातिरों ने बिजली अधिकारी बनकर पीड़ित को फोन किया था। बिजली बिल अपडेट करने के नाम पर ठगों ने ना केवल उनके खाते से रुपये की निकासी की, बल्कि बैंक में किया हुआ एफडी भी तुड़वा लिया।इससे पहले गया के डॉक्टर से चार करोड़ की ठगी की गई।
बिहार में साइब फ्रॉड के कांड बढ़ते ही जा रहे हैं। सरकारी एजेंसी और विभागों का नाम लेकर फ्रॉड गिरोह लोगों को शिकार बना रहे हैं। ताज्जुब की बात यह है कि अच्छे खासे पढ़े-लिखे लोग भी उनके झांसे में आ जाते हैं। ताजा मामला पटना का है जहां साइबर ठगों ने दानापुर निवासी आईओसीएल के सेवानिवृत्त जीएम के खाते से 65 लाख रुपये उड़ा दिए। शातिरों ने बिजली अधिकारी बनकर पीड़ित को फोन किया था। बिजली बिल अपडेट करने के नाम पर ठगों ने ना केवल उनके खाते से रुपये की निकासी की, बल्कि बैंक में किया हुआ एफडी भी तुड़वा लिया। वहीं बैंक अधिकारी बनकर और घर बैठे कमाई का आदि झांसा देकर आठ लोगों से कुल 91 लाख रुपये की ठगी की गई। पीड़ितों की शिकायत पर साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इससे पहले साइबर ठगों ने गया में एक डॉक्टर से चार करोड़ चालीस लाख ठग लिए
साइबर ठगों ने वर्क फ्रोम होम के बहाने गर्दनीबाग निवासी से नौ लाख 49 हजार 504 रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। इसी बहाने से ठगों ने खाजेकलां के युवक को भी 3.31 लाख की चपत लगा दी। गोला रोड के युवक के पास बीते दोनों फोन आया। खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बता कहा कि उनके खाते से 15 लाख अवैध रुपये आए हैं। गिरफ्तारी के डर से पीड़ित ने खाते की जानकारी शातिर को दे दी। जिसके बाद उनके खाते से 5.95 लाख रुपये निकाल लिए गए।
उधर स्पीड पोस्ट का स्टेटस के बहाने बुद्धा कॉलोनी निवासी व्यक्ति के खाते से 99 हजार रुपये निकाल लिए गए। यूनियन बैंक के नाम से जक्कनपुर निवासी शख्स के खाते से एक लाख रुपये निकासी कर ली गई। साइबर ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस का इंस्पेक्टर बताकर खाजपुरा निवासी केंद्रीय विद्यालय के बीमार पीजीटी शिक्षक के खाते से 99 हजार रुपये उड़ा लिए।
इससे पहले गया में साइबर फ्रॉड का बड़ा कांड सामने आया। जिले के एक डॉक्टर को सीबीआई का अधिकारी बताकर ठगों ने चार करोड़ चालीस लाख रुपए ठग लिए। गया के चर्चित हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. एएन रॉय से छह दिनों में चार करोड़ 40 लाख रुपये की ठगी कर ली गयी। जब तक डॉक्टर को असलियत का एहसास होता उससे पहले वह रुपये गंवा चुके थे। कांड दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस जांच कर रही है।