छात्रों की फर्जी अटेंडेंस दिखा रहे शिक्षकों पर कसेगी नकेल, ACS एस सिद्धार्थ का अल्टीमेटम
बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति की फर्जी संख्या दिखा रहे शिक्षकों को पर अब एक्शन होगा। एसीएस एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र किया है। स्कूल संचालन में की जा रही धोखाधड़ी को खेदजनक बताया है।
बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को मंगलवार को लिखे गए पत्र में कहा है कि कुछ शिक्षक विद्यालय के सुचारू संचालन के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति की फर्जी संख्या दिखा रहे हैं। जिसकी जानकारी विद्यालयों की निरीक्षण रिपोर्ट में मिली है। जो जिला शिक्षा अधिकारियों ने बनाई है। जो काफी खेदजनक है। ACS ने खत में ये भी लिखा है कि विद्यालय के पास रहने वाले शिक्षक शिक्षण कार्य में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने चेतावनी देते हुए आगाह किया है, कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा और छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर एसीएस हमेशा गंभीर रहे हैं। कई बार खुद उन्होने स्कूलों का निरीक्षण किया है। छात्रों और शिक्षकों की समस्याओं को सुना है। ऐसे में शिक्षकों की लापरवाही और बच्चों की फर्जी अटेंडेंस बनाने वाले टीचर्स पर अब कभी भी गाज गिर सकती है।
शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ का गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी जोर रहा है। शिक्षा की बात कार्यक्रम में उन्होने बताया कि बिहार के हर प्रखंड में मोबाइल कम्प्यूटर लैब होगी। प्राइमरी स्कूल के बच्चों को कम्प्यूटर को जानने का अवसर मिलेगा। अभी आठवीं तक के बच्चों को विद्यालय में ही कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाती है। स्कूल के पहले दिन ही बच्चों को पुस्तक, बैग व यूनिफार्म मिल जाएगी। पहली अप्रैल 2025 से योजना कार्यान्वित होगी।
इसी तरह सरकारी शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने बच्चों को पोशाक राशि समय पर उपलब्ध नहीं कराने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। कहा कि हर हाल में बच्चों को समय पर पोशाक उपलब्ध कराना होगा। एक सप्ताह के अंदर पोशाक राशि शेष बच्चों को मिल जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विद्यालयों में खेल के मैदान की कमी को देखते हुए अगल-बगल के मैदान को खाली कराकर सरकारी विद्यालय को देने की योजना है। इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया।