दारोगा पर चला कोर्ट का डंडा, एफआईआर दर्ज करने का आदेश; मामला संगीन है
आरोप है कि मारपीट के एक केस में दारोगा प्रवीण कुमार ने अभियुक्तों का साथ दिया। दारोगा ने डायरी से छेड़छाड़ किया और अभियुक्तों को लाभ पहुंचाया।
बिहार के मुजफ्फरपुर में बदमाशों का साथ देना एक दारोगा को महंगा पड़ा। कोर्ट ने आरोपी सब इंस्पेक्टर पर एफआईआर दर्ज कर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। मारपीट के एक केस की डायरी में छेड़छाड़ और फर्जी वार्ड सदस्य का प्रतिवेदन देने के आरोप में नगर थाना के दारोगा प्रवीण कुमार समेत तीन के खिलाफ यह कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। सीजेएम कोर्ट से परिवाद और आदेश की प्रति एसएसपी कार्यालय में भेजी गई है। कोर्ट ने खबड़ा निवासी निखिल कुमार के परिवाद पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश जारी किया है।
कांड के वादी निखिल ने आरोप लगाया है कि एक केस के सिलसिले में बीते नौ फरवरी को कोर्ट में पहुंचा था। वहीं उसके साथ खबड़ा के रंधीर कुमार, संजीव कुमार व राजीव कुमार आदि ने मिलकर मारपीट की थी। इसकी एफआईआर उसने उसी दिन नगर थाने में दर्ज कराई थी। इस केस में जांच अधिकारी दारोगा प्रवीण कुमार को बनाया गया था। निखिल ने आरोप लगाया है कि दारोगा ने कांड के आरोपित रंधीर और संजीव से मिलकर केस डायरी में छेड़छाड़ की है। साथ ही खबड़ा के वलिराम कुमार को वार्ड सदस्य बताकर उसके लेटर पैड पर केस रिकॉर्ड में एक प्रतिवेदन दिया है।
उक्त वार्ड सदस्य के संबंध में खबड़ा पंचायत कार्यालय से आरटीआई से जानकारी मांगी गई। पंचायत से मिले जवाब के अनुसार उक्त नाम का कोई वार्ड सदस्य वहां नहीं है। इस तरह फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए निखिल ने वकील के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कराया। इसके आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच का आदेश पुलिस को दिया गया। कोर्ट में कई दिनों की सुनवाई के बाद जिला पुलिस कप्तान को यह निर्देश दिया है।
कोर्ट के इस आदेश से पुलिस महकमे में हलचल है। इससे न सिर्फ पुलिस डिपार्टमेंट की साख पर बट्टा लगा है बल्कि दारोगा का करियर भी फंसता दिख रहा है। कोर्ट के आदेश के अनुसार मुजफ्फरपुर पुलिस कार्रवाई कर रही है।