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Hindi Newsबिहार न्यूज़CM Nitish adjusted 912 NDA Leaders in 20 Point committee target o 2025 election

नीतीश ने 20 सूत्री कमेटी में NDA के 912 नेताओं को किया सेट, BJP-JDU को 2025 में कितना फायदा?

418 नेता जदयू तो 418 भाजपा के नेताओं को बीस सूत्री में जगह दी गई। बड़ी संख्या में एनडीए की महिला कार्यकर्ताओं को भी मौका दिया गया है। एक बात आसानी से समझी जा सकती है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों दल बराबर-बराबर सीटों पर ही चुनावी मैदान में जा सकते हैं।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटनाMon, 12 Aug 2024 03:27 AM
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बिहार की नीतीश सरकार ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति (बीस सूत्री) गठित की है। इसके गठन के साथ ही एनडीए के जिला और प्रखंड स्तर के 912 नेताओं को एकबारगी सरकार में जिम्मेदारी मिल गई है। एनडीए के ये कार्यकर्ता अब सरकार के अंग के तौर पर काम करेंगे। एनडीए सरकार के गठन के सात महीने के भीतर इस को अस्तित्व में लाकर सरकार ने जता दिया है कि उसे अपने-अपने दल के मेहनतकश कार्यकर्ताओं की भी चिंता है। बीस सूत्री गठन में जदयू-भाजपा के नेता बराबर-बराबर संख्या में शामिल किए गए हैं। माना जा रहा है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नेताओं को सेट किया गया है।

अधिसूचना के मुताबिक हर जिले की कमेटी 25 सदस्यीय है, इस तरह कुल जमा 950 नेताओं को इसमें जगह मिली है। सभी 38 जिलों की बीस सूत्री के अध्यक्ष सरकार के जिला प्रभारी मंत्री बनाए गए हैं जबकि उपाध्यक्ष तथा सदस्य के रूप में 912 एनडीए कार्यकर्ताओं को कमेटी में शामिल कर सम्मान दिया गया है। इसमें हर जिले में लोजपा (रामविलास) और हम (से) के एक-एक कार्यकर्ता को जगह दी गई है। यानी हम के 38 और लोजपा (आर) के 38 कार्यकर्ताओं को बीस सूत्री में बतौर सदस्य जगह मिली है। इन दोनों दलों को अलग कर दें तो शेष बचे 836 कार्यकर्ता जदयू और भाजपा के हैं।

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बड़ी संख्या में महिलाओं को भी मौका दिया गया

इस संख्या में दोनों दलों के बराबर-बराबर कार्यकर्ताओं को जगह दी गई। यानी, 418 नेता जदयू तो 418 भाजपा के नेताओं को बीस सूत्री में जगह दी गई। बड़ी संख्या में एनडीए की महिला कार्यकर्ताओं को भी मौका दिया गया है। बीस सूत्री के फॉर्मूले के राजनीतिक निहितार्थ निकालें तो एक बात आसानी से समझी जा सकती है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों दल बराबर-बराबर सीटों पर ही चुनावी मैदान में जा सकते हैं।

कुछ और नेता होंगे समायोजित

अभी एनडीए के कुछ और नेताओं को समायोजित होने का मौका मिल सकता है। चूंकि सरकार के विभिन्न बोर्ड-आयोग के पद अभी रिक्त हैं। इन बोर्ड आयोगों में जदयू, भाजपा के साथ ही लोजपा (आर) और हम के कुछ सदस्यों को भी मौका मिलेगा। अगर सभी बोर्ड-आयोग को भर दिया जाए तो एनडीए के दर्जनों कार्यकर्ताओं को सरकार का अंग बनने का अवसर आएगा। इन बोर्ड-आयोग में कई ऐसे पद हैं जिसका दर्जा कैबिनेट व राज्य मंत्री के समकक्ष होता है। साथ ही वेतन के तौर पर मोटी राशि भी मिलती है। इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही सामाजिक समीकरण का ख्याल रखते हुए ही बोर्ड-आयोग में नेताओं का मनोनयन होना तय है।

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