Hindi Newsबिहार न्यूज़Chirag Paswan attack on Pashupati Paras claimed he is not in NDA

वे एनडीए में थे कब? पशुपति पारस पर चिराग पासवान का तीखा वार,बोले- अलग तो वह होता हो जो..

चिराग पासवान ने कहा कि अलग तो वो होते है जो साथ में हों। वे एनडीए में थे कब? वे लोकसभा के चुनाव के समय भी नहीं थे और विधानसभा चुनाव के वक्त भी उनको गिनती में नहीं रखा गया।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पटनाThu, 21 Nov 2024 02:36 PM
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पटना में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी(रालोजपा) का कार्यालय खाली करा लिए जाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नरेंद्र मोदी सरकार के पूर्व मंत्री पशुपति कुमार पारस नाराज चल रहे हैं। एनडीए छोड़ देने के उनके ऐलान की अटकलें सियासी गलियारे में लगाई जा रही हैं। इस बीच लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का चाचा पशुपति पारस पर बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा है कि वे एनडीए में हैं कहां जो छोड़ने की बात कर रहे हैं।

मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि अलग तो वो होत है जो साथ में हो। वे एनडीए में थे कब? वे लोकसभा के चुनाव के वक्त भी नहीं थे और विधानसभा चुनाव के वक्त भी उनको गिनती में नहीं रखा गया। ऐसे में अलग तो वह होता है जो किसी चीज का हिस्सा होता है। वे एनडीए में थे कहां जो अलग होने की बात कर रहे हैं। लोजपा में टूट के बाद अपनी-अपनी अलग पार्टी बनाने वाले पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान एकबार फिर से एक दूसरे के सामने खुलकर आ गए हैं। बिहार सरकार ने जो पटना स्थित परिसर पशुपति पारस की पार्टी से खाली करवाया उसे चिराग पासवान की लोजपा आरवी को सौंप दिया है। उसके बाद पहली बार पशुपति पारस को लेकर चिराग पासवान की का इतना कड़ा बयान सामने आया है।

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चिराग पासवान ने मीडिया के सवाल पर यह भी दावा किया कि झारखंड और महाराष्ट्रा में एनडीए की सरकार बनेगी। परिणाम आने दीजिए। एनडीए की बड़ी जीत होगी और हम सरकार बनाने जा रहे हैं। दोनो राज्यों में जनता से जो फीडबैक मिला उसके आधार पर मैं बता रहा। दोनों राज्यों की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को आत्मसात कर चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में जो भी नौकरियां दी जा रही हैं वे नीतीश कुमार की देन है। इस पर विपक्ष के लोग क्रेडिट लेना चाहते हैं। अपना नाम चमकाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन लोग हकीकत समझते हैं। अगर उन लोगों में इतनी ही क्षमता थी तो 90 के दशक में नौकरी क्यों नहीं दी। बिहार में और देश में उस दौर को जंगलराज और अपराध के लिए जानते हैं।

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