हमारे ही युवाओं से देश में खाते खाली करा रहा चीन, एनआईए की पड़ताल में बड़ा खुलासा
चीन और पाकिस्तान के मानव तस्करों ने कंबोडिया, अमेरिका, स्विट्जरलैंड आदि देशों में कंसल्टेंसी खोल रखी है, जहां भारतीय युवकों को नौकरी के नाम पर झांसा देकर पहुंचाया जाता है। साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग देकर खातों में सेंधमारी के लिए विवश किया जाता है।
चीन में बैठे शातिर मानव तस्करी के जरिए भारत से दूसरे देशों में भेजे गए बेरोजगारों से ही भारतीय बैंक खातों में सेंधमारी करा रहे हैं। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। मानव तस्करी के विदेशी लिंक की जांच कर रही एनआईए की पड़ताल में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मामला सामने आने के बाद बिहार पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। देश से बाहर जाने वाले लोगों पर विशेष ध्यान रखने की प्लानिंग की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक चीन और पाकिस्तान के मानव तस्करों ने कंबोडिया, अमेरिका, स्विट्जरलैंड आदि देशों में कंसल्टेंसी खोल रखी है, जहां भारतीय युवकों को नौकरी के नाम पर झांसा देकर पहुंचाया जाता है। साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग देकर खातों में सेंधमारी के लिए विवश किया जाता है। गोपालगंज के पीड़ित अरुण ने एनआईए को बताया कि उसे नौकरी के बहाने अमेरिका ले जाकर पाकिस्तानी एजेंट के हवाले कर दिया गया। उस एजेंट ने उसे चीन के एजेंट को सौंप दिया। वहां ट्रेनिंग देकर बैंक खातों से सेंध लगवाई गई। वहां भारत के 150 बेरोजगारों को साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग देकर उनसे जालसाजी कराई जा रही थी। उन्होंने बताया कि यह काम लगातार हो रहा है। जो लोग इस जाल में फंस जाते हैं उनका निकलना मुश्किल होता है।
इनकार पर प्रताड़ना
गोपालगंज के ही संजीत ने एनआईए को बताया कि उसे और उस जैसे दर्जनों युवकों को पाकिस्तानी एजेंट ने चीन के एक्सपर्ट के हवाले कर फ्रॉड की ट्रेनिंग दिलवाई। साइबर जालसाजी से इनकार करने वालों को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जाती है। मारपीट की जाती है और कई दिनों को टॉर्चर किया जाता है। कई बार भूखे रखा जाता है ताकि उनकी बात मान लें जालसाजी का काम करते रहें।