Hindi Newsबिहार न्यूज़Central team will take stock of flood damage in Bihar state government asks for Rs 3685 crore from Center

बिहार में बाढ़ के नुकसान का जायजा लेगी केंद्रीय टीम, राज्य सरकार ने केंद्र से मांगे 3685 करोड़

बिहार में बाढ़ की क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 3638 करोड़ मांगे हैं। केंद्रीय टीम क्षति का आकलन करने 20-21 अक्टूबर को आएगी। आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के खाते में 7-7 हजार रुपये के हिसाब से 225.25 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेज चुकी है।

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाSat, 19 Oct 2024 10:59 AM
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बिहार ने बाढ़ के दौरान हुई क्षति की भरपाई के लिए केंद्र से 3638.5 करोड़ रुपये मांगे हैं। इससे बाढ़ पीड़ितों की मदद की जाएगी। राज्य सरकार की मांग के बाद केंद्रीय टीम क्षति का आकलन करने 20-21 अक्टूबर को आएगी। 22 को पटना में बैठक होगी। आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने शुक्रवार को विकास भवन लघु सिंचाई विभाग कार्यालय कक्ष में बताया कि केंद्र सरकार से मदद मांगने से पहले सरकार 3.21 लाख बाढ़ पीड़ितों के खाते में 7-7 हजार रुपये के हिसाब से 225.25 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेज चुकी है। फसल क्षतिपूर्ति के लिए 491 करोड़ रुपये दिये गए हैं। अब तक 30 जिलों के करीब 20 लाख पीड़ितों पर 605 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पार्थ सारथी अपनी सात सदस्यीय टीम के साथ आ रहे हैं। वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे। दो दिनों के बाद राज्य सरकार के साथ उनकी बैठक होगी। बैठक में विभागवार नुकसान की प्रस्तुति दी जाएगी। सही आकलन के साथ केंद्रीय टीम के समक्ष मांग रखी जाएगी। इससे बाढ़ पीड़ितों की सहायता और पुनर्वास के अधूरे काम किए जा सकेंगे।

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के संसाधन पर पहला हक आपदा पीड़ित जनता का मानते हैं। इसी आधार पर सरकार काम कर रही है और बहुत जल्द वैसे लोगों को डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि भी मिलेगी, जिनके घर बाढ़ग्रस्त इलाकों में टूट गये हैं या जिनके पशु मरे हैं। क्षति का विस्तृत आकलन सरकार करा रही है।

जहरीली शराब से सीवान, गोपालगंज और छपरा में 47 लोगों की मौत पर दुख प्रकट करते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. सुमन ने कहा कि शराब तस्करी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है, लेकिन लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है। शराब गरीबों को और गरीब और बीमार बनाती है, इसलिए इसे रोकने के लिए बिहार में शराबबंदी कानून लागू करना बड़ा सामाजिक फैसला था।

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