बिहार में सुरक्षित नहीं पुल! मुंगेर में गड़क के तेज बहाव में बह गया बिचली ब्रिज, 2012 में हुआ था निर्माण
बिहार में पुलों के ढहने का सिलसिला जारी है। समस्तीपुर के बाद अब मुंगेर जिले के बरियारपुर प्रखंड में दो पंचायतों को जोड़ने वाला बिचली ब्रिज गंडक के तेज बहाव में बह गया। जिसके खगड़िया जाने का मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। पुल का निर्माण 2012 में हुआ था।
बिहार में पुलों के बहने और धराशायी होने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। ताजा मामला मुंगेर जिले के बरियारपुर प्रखंड का है। जहां दो पंचायत हरिनमार और झोवाबहियार को गोगरी मुख्यमार्ग से जोड़ने वाला गंडक नदी पर बना बिचली पुल पानी की तेज धारा में देर रात बह गया। पुल बहने की खबर मिलते ही लोग परेशान होने लगे। पुल बहने से हरिनमार और झोवाबहियार का संपर्क गोगरी, खगड़िया मुख्यमार्ग से टूट हो गया है।
इस पुल के सहारे ही दियारा क्षेत्र के लोग गोगरी तथा झोवाबहियार जाते थे। अब इन दोनों पंचायतों का भी संपर्क भंग हो गया है। हरिनमार पंचायत के पूर्व पंचायत समिति सदस्य नरेश यादव ने बताया कि सड़क और पुल का निर्माण मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हुआ था। पुल का निर्माण वर्ष 2012 में हुआ था। दियारा क्षेत्र के लोगों के पास अब खगड़िया जाने का कोई दूसरा मार्ग नहीं बचा है। पुल के बह जाने से हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें इससे पहले समस्तीपुर जिले में बख्तियारपुर- ताजपुर के बीच निर्माणाधीन गंगा महासेतु का दो पिलरों के बीच लगा स्पैन गिर गया था। जिसके बाद आनन-फानन में रात के अंधेरे में ही लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए जेसीबी से स्पैन के मलबे को मिट्टी के अंदर दबाकर साक्ष्य को मिटाने में जुटे रहे। आपको बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में बख्तियारपुर - ताजपुर गंगा महासेतु की आधारशिला रखी थी।
पुल के निर्माण में कुल 1603 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। अब तक पुल का लगभग 60 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। जिसमें लगभग 1000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। इस पुल का निर्माण वर्ष 2016 में ही हो जाना था। लेकिन वर्ष 2024 में भी यह कार्य पूरा नहीं हो सका है।