चीफ सेक्रेटरी अमृत लाल मीणा से मिले BPSC अभ्यर्थी, नहीं बनी बात, फिर क्या बोले प्रशांत किशोर?
- बीपीएससी अभ्यर्थी सत्यम कुमार ने बताया कि चीफ सेक्रेटरी से बहुत सकारात्मक माहौल में बात हुई। उन्होंने छात्रों की मांगों को धैर्य और प्यार से सुना और समझा। हमने अपनी बात कह दिया है,उन्हें फैसला लेना है। इस बीच हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। हमलोग गर्दनीबाग में धरना स्थल पर बने रहेंगे।
जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर की पहल पर बीपीएससी अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात की। 13 दिसम्बर को संपन्न 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग पर आन्दोलन कर रहे छात्रों के ग्यारह सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ चीफ सेक्रेटरी ने बात की। हालांकि वार्ता के बाद प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। इधर प्रशांत किशोर ने सरकार से अपील किया है कि आगे बढ़कर को इस मामले का हल निकाला जाना चाहिए। उन्होंने पीटी परीक्षा रद्द कर फिर से एग्जाम लेने की अपनी मांग दुहराई।
मुख्य सचिव से मिलने के बाद नालंदा से आए बीपीएससी अभ्यर्थी सत्यम कुमार ने बताया कि चीफ सेक्रेटरी से बहुत सकारात्मक माहौल में बात हुई। उन्होंने छात्रों की मांगों को धैर्य और प्यार से सुना और समझा। हमने अपनी बात कह दिया है,उन्हें फैसला लेना है। इस बीच हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। हमलोग गर्दनीबाग में धरना स्थल पर बने रहेंगे। महिला अभ्यर्थी अनु कुमारी ने बताया कि वार्ता हुई है पर स्पष्ट कोई निर्णय नहीं हो सका। हम लोगों ने अपने सभी साक्ष्यों को उनके सामने रख दिया। कहा गया है कि ब्यूरोक्रैसी का काम करने का तरीका होता है। चीफ सेक्रेटरी ने पटना आने पर सीएम नीतीश कुमार से मिलवाने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री फिलहाल दिल्ली में हैं। स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका।
एक अन्य प्रदर्शकारी सुभाष कुमार ने सोनु यादव ने आत्महत्या की। उसके परिजनों को दस लाख मुआवजा देने की मांग की गई है। इसके अलावे सभी छात्रों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने के लिए भी कहा गया है। मीटिंग में होम सेक्रेटरी भी मौजूद थे। उन्होंने आश्वासन दिया है कि एफआईआर को लेकर नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चार जनवरी की परीक्षा रद्द करने की मांग पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला। इन हालातों में छात्रों का आन्दोलन जारी रहेगा।
छात्रों के मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी ने भले ही कोई निर्णय नहीं लिया लेकिन अच्छी बात है कि उन्होंने समय निकाला। सरकार को इसमें पहल करना चाहिए। सरकार चाहे तो 48 घंटों में कोई उपाय निकाल सकती है। छात्र टकराव का रास्ता नहीं चाहते। छात्रों ने एक कदम बढ़ाया है तो सरकार को भी आगे बढ़कर इनके पक्ष में निर्णय दें। अगर सीएम मिलने बुलाते हैं तो छात्र उनसे भी मिलने जाएंगे। 48 घंटों में मांग पूरी नहीं हुई तो जो भी उनका निर्णय होगा जनसुराज उनके साथ रहेगा। सरकार अगर खत्म नहीं करती है तो प्रदर्शन जारी रहेगा। दो जनवरी से हम लोग और ताकत के साथ लगेंगे। 3 जनवरी को कोर्ट भी जाएंगे। उन्होंने मीडिया के माध्यम से अपील किया कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि छात्रों को कोई प्रताड़ित या परेशान नहीं करे।