श्रद्धा के साथ पूजे गये विघ्न हर्ता, आराधना में लीन हुआ शहर
श्रद्धा के साथ पूजे गये विघ्न हर्ता, आराधना में लीन हुआ शहरश्रद्धा के साथ पूजे गये विघ्न हर्ता, आराधना में लीन हुआ शहरश्रद्धा के साथ पूजे गये विघ्न हर्ता, आराधना में लीन हुआ शहरश्रद्धा के साथ पूजे...
श्रद्धा के साथ पूजे गये विघ्न हर्ता, आराधना में लीन हुआ शहर जय गणेश-जय गणेश के जयघोष से गूंजा चहुंओर चौक-चौराहे पर बनाये गये पंडालों में की गयीं प्रतिमाएं स्थापित फोटो गणेश01 : बिहारशरीफ के गुफापर में स्थापित गणपति की प्रतिमा की पूजा अर्चना करते लोग। गणेश02 : सोहसराय बाजार में स्थापित विघ्न हर्ता की भव्य प्रतिमा। बिहारशरी, कार्यालय प्रतिनिधि। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी शनिवार को शुभ मुहूर्त में शहर के चौक-चौराहों के किनारे बनाये गये पंडालों में विघ्न हर्ता गणपति गणनायक की मूर्तियां स्थापित कर विधि विधान से पूजा-अर्चना की गयी। इसी के साथ पूरा शहर सिद्धिविनायक की पूजा में लीन हो गया। ‘जय गणेश-जय गणेश के जयघोष चहुंओर गूंज उठे। दस दिनों तक गणपति की आराधना होगी। पंडालों में बजाये जा रहे भक्ति गीतों से शहर का माहौल भक्तिमय हो उठा है। पूजा समितियों के सदस्यों द्वारा पंडालों को रंग-बिरंगी लरियों से सजाया गया है। शाम के बाद इन पंडालों की खूबसूरती देखते बन रही है। कई मोहल्ले में घरों में भी गणपति की प्रतिमा की स्थापना करना पूजा अर्चना की गयी। शहर के पुलपर, अस्पताल चौक, सोहसराय, अम्बेर, नईसराय, खंदकपर, भरावपर, मोगलकुआं, रामचन्द्रपुर, बड़ी पहाड़ी आदि मोहल्लों में गणपति की एक से बढ़कर एक आकर्षक व भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गयी हैं। शहर में बढ़ी चहल-पहल गणपति की पूजा को लेकर दिनभर बाजारों में चहल-पहल बढ़ी रही। पूजा को लेकर खासकर फल मंडियों में खरीदारों की खासी भीड़ नजर आयी। पूजा समिति के लोग प्रतिमा स्थापित करने के लिए सुबह से ही काफी सक्रिय दिखे। बच्चे व युवाओं का उत्साह देखते बन रहा था। खासकर गणपति गजानंद के दर्शन को लोगों के आने का सिलसिल देर शाम तक चलता रहा। गणपति की पूजा से ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति ज्योतिष के जानकार पं. मोहन कुमार दत्त मिश्र बताते है कि हिन्दू संस्कृति में सर्वप्रथम श्रीगणेश की ही पूजा की जाती है। भगवान श्रीगणेश विघ्न विनाशक साक्षात अनंत कोटि ब्रह्मांडनायक पराचर ब्रह्म ही हैं। भारतीय सनातन धर्मों (हिन्दुओं) के वे प्राणाधार हैं जो प्रत्येक कार्य की सफलता एवं ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति, विघ्नों को नाश करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि सर्व विघ्न हरण, सर्वकाम फल, अनंत सुख दाता भगवान श्री गणेश की पूजा आदिकाल से होती आ रही है। उनकी आराधना से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। हिन्दू धर्म में 33 कोटि देवता हैं। किंतु, प्रत्येक देवता की पूजा में अग्रस्थान भगवान श्रीगणेश जी को ही प्राप्त है। श्रीगणेश जी बुद्धि की देवता हैं। ऋद्धि और सिद्धि इनकी पत्यिां हैं। भादो पूर्णिमा के दिन होगा विसर्जन: शहर में गणपति पूजा की परंपरा काफी सालों से की जा रही हैं। खास यह भी कि 10 दिनों तक भक्तजन भक्ति में लीन रहते हैं। पूजा समिति के लोगों ने बताया कि बिहारशरीफ के विभिन्न मोहल्लों में स्थापित की गयीं प्रतिमाओं का विसर्जन भादो पूर्णिमा के दिन किया जाएगा। जबकि सोहसराय इलाके की प्रतिमाएं पूर्णिमा के एक दिन बाद विसर्जन के लिए उठती हैं।
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