श्रद्धालुओं ने उपवास रख किया पुत्रदा एकादशी व्रत
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श्रद्धालुओं ने उपवास रख किया पुत्रदा एकादशी व्रत भगवान विष्णु से की संतान की सुख समृद्धि की मंगल कामना पावापुरी, निज संवाददाता। जिले में श्रद्धा और भक्ति के साथ शुक्रवार को पुत्रदा एकादशी व्रत मनाया गया। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर भगवान विष्णु की आराधना की और संतान सुख, उनकी समृद्धि व कल्याण की मंगल कामना की। आचार्य पप्पू पांडेय ने बताया कि हिंदू धर्म में पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से संतानहीन दंपतियों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है और उनकी संतान को सुख-समृद्धि मिलती है। यह व्रत साल में दो बार श्रावण और पौष मास में आता है। व्रती भगवान विष्णु की आराधना में रहे लीन : पंडित सूर्यमणि पांडेय कहते हैं कि श्रद्धालुओं ने व्रत रखते हुए दिनभर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की। मंदिरों में विशेष भजन-कीर्तन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ हुआ। भक्तों ने फल, फूल, दीप और नैवेद्य अर्पित कर भगवान की आराधना की। लोग दिनभर भगवान विष्णु की आराधना में लीन रहे। ज्योतिषियों की मानें, तो पुत्रदा एकादशी व्रत रखने वालों का विश्वास है कि इस दिन व्रत करने से न केवल संतान की प्राप्ति होती है, बल्कि उनकी उन्नति और जीवन में आने वाली बाधाएं भी समाप्त हो जाती हैं। व्रत रखने वाले देवमंती देवी, गायत्री देवी व अन्य भक्तों ने कहा कि हम लोग भगवान विष्णु से अपने बच्चों के सुखद जीवन और उनकी प्रगति के लिए प्रार्थना की। यह दिन हमारे लिए आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद लेकर आता है। पूजा पद्धति और व्रत की विधि : श्री पांडेय ने कहा कि पुत्रदा एकादशी के दिन प्रात: स्नान कर भगवान विष्णु की प्रतिमा की पूजा श्रद्धालुओं व्रती ने किया। श्रद्धालु फलाहार करते हुए रातभर जागरण कर भगवान का स्मरण किया। शनिवार द्वादशी को व्रत का पारण किया जाएगा। पुत्रदा एकादशी व्रत ने समाज में आस्था और धर्म के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।
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