बिहार में शराब पीकर पहली बार जेल गए लोगों को खोजेगी पुलिस, जमानत पर हैं 1 लाख लोग
बिहार में साल 2022 से पहले शराबबंदी कानून के तहत पहली बार दारू पीने के मामले में जेल गए 1 लाख से ज्यादा लोगों की तलाश की जाएगी। ये आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
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बिहार में शराब पीकर पहली बार जेल गए लोगों की तलाश शुरू होने वाली है। पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ऐसे लोगों को खोजकर उनसे जुर्माना वसूलेगी। ये सभी आरोपी अप्रैल 2022 में जुर्माने का प्रावधान लागू होने से पहले शराब पीने के मामले में पहली बार पकड़े गए थे। वर्तमान में ये कोर्ट से जमानत पर हैं। अब गृह विभाग इन आरोपियों की तलाश कर नए प्रावधान के तहत जुर्माना वसूलकर केस खत्म करने का टास्क पुलिस और उत्पाद विभाग को सौंपा है। मुजफ्फरपुर में ऐसे 3 हजार से अधिक मामले हैं। पूरे बिहार में इनकी संख्या 1.09 लाख है।
बताया गया है कि हर जिले में औसत ऐसे दो से तीन हजार आरोपी हैं। मद्य निषेध अधीक्षकों और थाना पुलिस को ऐसे आरोपियों का पता लगाकर समन जारी करने का निर्देश दिया गया है। मालूम हो कि, जमानत पर छूटे आरोपी ट्रेसलेस हैं। पुलिस और उत्पाद विभाग ने न तो फॉलोअप किया और न ही आरोपी अपने केस की पैरवी करते दिखे। इससे पहली बार शराब पीने में जेल गए लोगों के मामले लंबे समय से लंबित चल रहे हैं।
मद्य निषेध के पांच लाख कांड लंबित :
बिहार में मद्य निषेध अधिनियम के करीब साढ़े पांच लाख केस लंबित हैं। शराबबंदी से जुड़े इन लंबित केसों के निष्पादन का टास्क पुलिस और उत्पाद विभाग को दिया गया है। इसके लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के साथ पुलिस की मद्य निषेध इकाई की टीम प्रमंडलवार समीक्षा कर रही है। इसमें पाया गया कि साल 2022 में जुर्माने के प्रावधान के बाद धारा 37 के तहत दर्ज नए केसों का निष्पादन तो तेजी से हो रहा है, मगर पुराने केस लंबित पड़े हैं। इनमें एक लाख से अधिक ऐसे केस हैं, जिनमें पहली बार शराब पीते हुए आरोपी पकड़े गए थे।
अप्रैल 2022 में हुआ जुर्माने का प्रावधान :
बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू हुआ। इसमें बाद में कई संशोधन हुए। पहले शराब पीते पकड़े जाने पर 5 साल तक की सजा का प्रावधान बना, जिसे घटाकर बाद में 3 साल कर दिया गया। फिर अप्रैल 2022 में शराबबंदी कानून में बड़ा बदलाव किया गया। इसके तहत पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर 2 से 5 हजार रुपये जुर्माना और दूसरी बार शराब पीते पकड़े जाने पर एक साल की सजा का प्रावधान किया गया।