Bihar Land Survey: पुराने दस्तावेज समझना होगा आसान, अमीन-कानूनगो को बांटी जाएगी कैथी लिपि की बुकलेट
बिहार में जमीन सर्वे चल रहा है। भूमि के पुराने दस्तावेज कैथी लिपि में लिखे हैं, जिन्हें समझने में राजस्व कर्मियों को परेशानी हो रही है। ऐसे में अब विभाग ने कैथी लिपि में पुस्तिका छपवा कर इनका वितरण अमीन, कानूनगो, शिविर प्रभारी के बीच किया जाएगा।
बिहार में जमीन सर्वे चल रहा है। जिसमें राजस्व विभाग के कर्मचारियों के सामने पुराने दस्तावेजों को समझने में दिक्कत का सामने करना पड़ रहा था। जो कैथी लिपि में लिखे गए हैं। दरअसल 15-20 साल पहले कई जिलों में जमीन रिकॉर्ड के दस्तावेज कैथी लिपि में लिखे गए थे। हालांकि विभाग की तरफ से प्रशिक्षकों को नियुक्त किया है। जो तीन दिन अमीनों को कैथी लिपी की लेखनी को समझने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। और अब कैथी लिपि में पुस्तिका छपवा कर इनका वितरण अमीन, कानूनगो, शिविर प्रभारी के बीच किया जाएगा। ताकि जमीन सर्वे के कार्य में लगे कर्मियों को कैथी लिपि में लिखे पुराने दस्तावेजों को समझने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। यह निर्णय राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री के कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया।
दरअसल मुगल और ब्रिटिश काल में कैथी लिपी प्रचलन में थी। और भूमि के दस्तावेज इस भाषा में दर्ज किए गए थे। कई जिलों में कैथी लिपि को हिंदी में अनुवाद करने का काम भी जारी है। दरअसल अब ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो इस लिपी की लेखनी से अच्छी तरह वाकिफ हो, जिसके चलते राजस्व कर्मियों के लिए कैथी में लिखे गए पुराने भूमि दस्तावेजों को समझना एक बड़ी चुनौती है। कैथी लिपि के भूमि दस्तावेजों को समझना थोड़ा कठिन है। लेकिन अब अमीनों कानूनगो को जल्द ही कैथी लिपी का हिन्दी वर्जन वाली बुकलेट मिलेगी, जिससे पुराने दस्तावेजों को समझने में आसानी होगी।
वहीं राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ये साफ कर चुके हैं, कि जमीन सर्वे में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं होगी। जो जिस जमीन पर रह रहे हैं, जिनका कब्जा जिस जमीन पर है और उसका ऑनलाइन रसीद कट रहा है तो उनको किसी तरह के कोई कागजात दिखाने की जरुरत नहीं। जब ऑनलाइन रसीद कट रहा है और जमीन पर आपका कब्जा है, तो राजस्व विभाग के कर्मचारी और सर्वे अमीन को सरकार ने निर्देश दे दिया है कि उनको किसी तरह का कोई कागजात मांगने की जरुरत नहीं है। उनकी जमीन का सीमांकन कर सर्वे में जो रिकॉर्ड में है उनका नाम डाल दिया जाए।साथ ही सर्वे के नाम पर अगर कोई घूस मांगे तो सीधे मुझे फोन कर सकते हैं। मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपना फोन नंबर भी सार्वजनिक किया था।